सिख धर्म के पूज्य आध्यात्मिक प्रमुख ज्ञानी रघबीर सिंह को 4 मई को शिकागो में सम्मानित किया गया। रघबीर सिंह भारत के स्वर्ण मंदिर के प्रमुख ग्रंथी और अकाल तख्त के जत्थेदार हैं। अमेरिका के इलिनोइस के किल्डारे में हैरी और शिल्पा मोहन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति और शिकागो में भारत के महावाणिज्य दूत सोमनाथ घोष सहित ऊंचे पदों पर बैठे सामुदायिक और व्यापारिक हस्तियों ने इसमें भाग लिया।
इस समारोह ने सिख धर्म में आध्यात्मिक मार्गदर्शक और शिक्षक के रूप में ज्ञानी रघबीर सिंह की सम्मानित भूमिका का जश्न मनाया। महावाणिज्य दूत घोष और कांग्रेस सदस्य कृष्णमूर्ति ने अपने उद्गार में द्विपक्षीय संबंधों, सामुदायिक सशक्तिकरण, वैश्विक सहयोग और प्रेरक उद्देश्य एवं समाज को मजबूत करने में विश्वास की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला। दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने ज्ञानी रघबीर सिंह की यात्रा के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उनके धर्मनिष्ठ विश्वास के जीवन की प्रशंसा की।
मृदुभाषी ज्ञानी रघबीर सिंह ने सभा को आशीर्वाद के साथ एक छोटा सा प्रवचन दिया। इसमें उनके गहरे आध्यात्मिक ज्ञान से लोग अभिभूत हुए। उन्होंने सिख धर्म के कालातीत मूल्यों और आज के समय में उनकी प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने धर्म के माध्यम से शांति, प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रवासियों की प्रशंसा की। ज्ञानी रघबीर सिंह ने नए संबंध बनाने और दोस्ती को गहरा करने के लिए सामुदायिक नेताओं के साथ जुड़ना जारी रखने की भी इच्छा व्यक्त की।
हैरी और शिल्पा मोहन ने मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने सिख धर्म के भक्तों पर गहरे प्रभाव को देखते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह को उनकी ऐतिहासिक यात्रा के लिए धन्यवाद दिया। भारतीय अमेरिकी व्यापार परिषद के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि आध्यात्मिक प्रमुख की यात्रा रिश्ते बनाने और विश्वास आधारित भाईचारे को बढ़ावा देने में एक नया अध्याय दर्शाती है।
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