कनाडा के विश्व सिख संगठन और अमेरिका के सिख गठबंधन ने संयुक्त बयान जारी करके भारत सरकार पर सिख समुदाय के अंतरराष्ट्रीय दमन का आरोप लगाते हुए इसे रोकने के कदम उठाने का आह्वान किया है।
बयान में कहा गया है कि सिखों के तथाकथित दमन के कुछ मामलों को संबंधित देश गंभीरता से ले रहे हैं। अमेरिका में सीनेटरों के एक समूह ने हाल ही में अमेरिकी सिखों को निशाना बनाए जाने पर कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई की मांग की है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की आस्था आधारित सलाहकार परिषद की एक उपसमिति ने अंतरराष्ट्रीय दमन का जवाब देने की अपील की है।
सीनेट की विदेश मामलों की समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ओरेगन के सीनेटर जेफ मर्कले समेत कई सीनेटर्स ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पिछले महीने पत्र लिखकर अमेरिकी सरजमीं पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के शामिल होने के आरोपों पर कड़ी कूटनीतिक प्रतिक्रिया की मांग की थी।
सिख संगठनों ने जारी बयान में आरोप लगाया कि कनाडा में सांसदों की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया समिति ने हाल ही में पाया है कि भारत अब कनाडा के लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रक्रियाओं के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण विदेशी खतरा है।
इस सबके बावजूद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नरम सुर अपनाते हुए बातचीत और रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया है। संगठनों का कहना है कि इस बदले रुख के साथ न्याय, जवाबदेही, नागरिक अधिकारों और सिख प्रवासी समुदाय की सुरक्षा का जिक्र नहीं किया गया।
सिख संगठनों का कहना है कि आरोपों की स्वतः जांच से खुद को क्लीन चिट देने की संभावना को बल मिलता है और हमें ये मंजूर नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर कनाडा और अमेरिका एक साथ नहीं आए तो सिखों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login