अमेरिकी कॉलेजों में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के ऊपर कथित 'बर्बरतापूर्ण कड़ी कार्रवाई' को लेकर सिख कोएलिशन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी सिखों के नागरिक अधिकारों एवं जीवन की रक्षा के लिए समर्पित गैर-लाभकारी संगठन सिख कोएलिशन ने एक बयान में इस घटना की कड़ी निंदा की है।
सिख कोएलिशन ने अपने बयान में कहा कि एक नागरिक अधिकार संगठन होने के नाते हम लोगों के शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के अधिकार में विश्वास करते हैं। छात्रों का प्रदर्शन भी इससे अपवाद नहीं हैं। हम शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का समर्थन करते हैं। साथ ही, लोगों के खिलाफ हिंसा की किसी भी अपील का पुरजोर विरोध भी करते हैं। हमारे समुदाय ने खुद इस तरह की घटनाओं को झेला है। हम नहीं चाहते कि कोई और भी ऐसे अनुभव का सामना करे।
Support for the right to peaceful protest, opposition to police brutality, and abhorrence of hate speech and dangerous rhetoric are not mutually exclusive. Read our statement on recent college protests here. https://t.co/Msk5uh4vCS pic.twitter.com/v7QiPxf7Wu
— Sikh Coalition (@sikh_coalition) May 2, 2024
सिख कोएलिशन ने एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में एक महिला का हिजाब जबरन हटाने और लॉस एंजिल्स की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में उपद्रव के दौरान पुलिस प्रतिक्रिया में देरी का जिक्र करते हुए कहा कि हम खासतौर से प्रदर्शनकारियों पर पुलिस बर्बरता की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंतित हैं।
बयान में आगे कहा गया है कि कई मौकों पर देखा गया है कि कुछ जगहों पर राजनातिक हितों को तवज्जो देते हुए सुरक्षा दी जाती है, वहीं दूसरी तरफ कुछ जगह ऐसी घटनाओं को अपराध मानकर कार्रवाई होती है। इससे समाज में अभिव्यक्ति की आजादी और इकट्ठा होने की अधिकारों के लिए दुविधा पैदा होती है।
सिखों के संगठन ने आगे कहा कि हम ऐसी किसी भी बयानबाजी का मजबूती से विरोध करते हैं जो छात्र प्रदर्शनकारियों के खिलाफ, खासकर उनकी नस्लीय, जातीय या धार्मिक पहचान के आधार पर हिंसा को बढ़ावा देती हो।
सिख समुदाय अच्छी तरह जानता है कि 'चरमपंथी' या 'आतंकवादी' का ठप्पा लगने के खतरे खतरे क्या हैं। हमारी अपील है कि युवाओं समेत किसी को भी इस तरह के खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए।
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