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पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के कमेंसमेंट डे पर सिद्धार्थ मुखर्जी होंगे मुख्य वक्ता

सिद्धार्थ सिद्धार्थ मुखर्जी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह विश्वविद्यालय के मेडिकल सेंटर में ऑन्कोलॉजिस्ट के रूप में भी सेवाएं देते हैं। उन्हें "द एम्परर ऑफ ऑल मैलाडीज" के लिए 2011 का पुलित्जर पुरस्कार भी मिल चुका है।

सिद्धार्थ मुखर्जी को डॉक्टर ऑफ साइंसेज की मानद उपाधि भी प्रदान की जाएगी। / X @DrSidMukherjee

भारतीय मूल के फिजिशियन, रिसर्चर और बेस्ट सेलिंग लेखक सिद्धार्थ मुखर्जी पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के कमेंसमेंट (Commencement) डे सेरेमनी 2024 के मुख्य वक्ता होंगे। यह सेरेमनी 20 मई को फ्रैंकलिन फील्ड में होनी है। इस दौरान मुखर्जी को डॉक्टर ऑफ साइंसेज की मानद उपाधि से सम्मानित भी किया जाएगा।
 

पेन के अंतरिम अध्यक्ष जे लैरी जेम्सन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि सिद्धार्थ मुखर्जी ने 2024 की कमेंसमेंट को संबोधित करने का हमारे निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। मुखर्जी एक शानदार ऑन्कोलॉजिस्ट और शोधकर्ता हैं जिन्होंने चिकित्सा से जुड़े महत्वपूर्ण जटिल विषयों पर लेखन से दुनिया की अमूल्य सेवा की है। कमेंसमेंट डे एक यादगार अवसर साबित होगा क्योंकि यह हमारे स्नातकों और उनके परिवारों के साथ अपने जुनून और ज्ञान को साझा करने का दिन है।

सिद्धार्थ मुखर्जी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह विश्वविद्यालय के मेडिकल सेंटर में ऑन्कोलॉजिस्ट के रूप में भी सेवाएं देते हैं। उन्हें "द एम्परर ऑफ ऑल मैलाडीज" के लिए 2011 का पुलित्जर पुरस्कार भी मिल चुका है। इसके अलावा उनकी प्रमुख किताबों में द जीन: एन इंटिमेट हिस्ट्री (2016) और द सॉन्ग ऑफ द सेल (2022) शामिल हैं। 

"द एम्परर ऑफ ऑल मैलाडीज" को टाइम मैगजीन की शताब्दी की 100 सर्वश्रेष्ठ नॉनफिक्शन पुस्तकों की सूची में शामिल किया था। इतना ही नहीं, "द एम्परर ऑफ ऑल मैलाडीज" और "द जीन" दोनों के ऊपर प्रसिद्ध फिल्म निर्माता केन बर्न्स ने पीबीएस डॉक्युमेंट्री भी बनाई हैं। 

एक अग्रणी मेडिकल रिसर्चर के रूप में मुखर्जी ने कैंसर कोशिकाओं की संरचना और व्यवहार को लेकर अभूतपूर्व खोज अभियानों का नेतृत्व किया है। इन खोजों ने इस बीमारी को लेकर समझ में क्रांतिकारी बदलाव किया है। उनके अभिनव शोध की बदौलत जैविक और सेलुलर उपचार ईजाद करने में भी मदद मिली है।

मुखर्जी के लेख द न्यूयॉर्कर और द न्यूयॉर्क टाइम्स मैगज़ीन में भी अक्सर प्रकाशित होते रहते हैं। उनके शोध और टिप्पणियां नेचर, सेल और द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में छप चुकी हैं। वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हो चुके हैं।

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