A&O Shearman के इंडिया ग्रुप की सह-प्रमुख शीला आहूजा को किंग्स काउंसल (KC) के रूप में नियुक्त किया गया है। वे 24 जनवरी को घोषित प्रतिष्ठित वार्षिक सूची में शामिल 105 सफल उम्मीदवारों में से एकमात्र सॉलिसिटर बनीं। सिंगापुर स्थित आहूजा एशिया-प्रशांत और दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत में, अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक पंचाट (अरबिट्रेशन) और निवेशक-राज्य विवादों में विशेषज्ञता रखती हैं।
KC चयन प्रक्रिया और आहूजा की उपलब्धि
किंग्स काउंसल चयन पैनल, जो एक स्वतंत्र निकाय है, जिसने पिछले वर्ष 326 आवेदनों की समीक्षा की थी, जिनमें से केवल पांच सॉलिसिटर उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। आहूजा एकमात्र सॉलिसिटर हैं, जिन्हें यह प्रतिष्ठित उपाधि प्राप्त हुई है। यह कानूनी पेशे में एक दुर्लभ उपलब्धि मानी जाती है, क्योंकि पारंपरिक रूप से इस सूची में बैरिस्टरों का वर्चस्व रहता है।
किंग्स काउंसल का खिताब इंग्लैंड और वेल्स में उन बैरिस्टरों और अधिवक्ताओं को प्रदान किया जाता है जो उत्कृष्ट वकालत और कानूनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करते हैं। यह एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी चयन प्रक्रिया है, जिसमें अभ्यर्थियों के वकालत कौशल, कानूनी ज्ञान, नैतिक मानकों और न्याय प्रशासन में योगदान का गहन मूल्यांकन किया जाता है।
आहूजा को संयुक्त उद्यम, वितरक समझौतों, जटिल वित्तीय उत्पादों, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से जुड़े उच्च-स्तरीय विवादों को सुलझाने में व्यापक अनुभव है। उन्होंने SIAC, HKIAC, ICC, UNCITRAL, ICSID, LCIA और DIAC नियमों के तहत प्रमुख वकील के रूप में मामलों की पैरवी की है।
KC चयन प्रक्रिया और ऐतिहासिक संदर्भ
वर्ष 2024 की किंग्स काउंसल चयन प्रक्रिया का निरीक्षण पहली बार लेबर पार्टी की लॉर्ड चांसलर शबाना महमूद ने किया। किंग्स काउंसल की उपाधि, जिसे महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के शासनकाल के दौरान क्वीन काउंसल कहा जाता था, वकालत में उत्कृष्टता का प्रतीक है। चयन प्रक्रिया में विस्तृत आवेदन, न्यायाधीशों और सहकर्मियों से संदर्भ, और गहन साक्षात्कार शामिल होते हैं। अंतिम स्वीकृति लॉर्ड चांसलर द्वारा दी जाती है।
दो भारतीय बैरिस्टर भी बने किंग्स काउंसल
आहूजा के साथ, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और ट्वेंटी एसेक्स बैरिस्टर नकुल देववन और वन एसेक्स कोर्ट बैरिस्टर निरंजन वेंकटेशन को भी इंग्लैंड में किंग्स काउंसल के रूप में नियुक्त किया गया है। दोनों को "सिर्फ़ दीवानी मामलों" (civil only) श्रेणी में यह उपाधि दी गई है और उन्हें मार्च में औपचारिक रूप से यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।
नकुल देववन
देववन एक सीनियर एडवोकेट हैं और उनकी व्यावसायिक मुकदमेबाजी (commercial litigation) प्रैक्टिस भारत, सिंगापुर और लंदन तक फैली हुई है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय पंचाट, बैंकिंग और वित्त, निर्माण, और कॉर्पोरेट विवादों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्होंने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया बनाम भारतीय रिजर्व बैंक जैसे ऐतिहासिक मामलों में सफलतापूर्वक दलील दी, जिसके परिणामस्वरूप भारत में क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग पर लगे प्रतिबंध को हटाया गया।
निरंजन वेंकटेशन
वन एसेक्स कोर्ट के बैरिस्टर निरंजन वेंकटेशन व्यावसायिक मुकदमेबाजी और पंचाट मामलों में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधन क्षेत्रों से जुड़े उच्च-स्तरीय विवादों में पैरवी की है और कई बार यूके सुप्रीम कोर्ट और अपीलीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए हैं। इसके अलावा, वे ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्याता भी हैं।
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