सलोनी हार्ट फाउंडेशन, लखनऊ स्थित SGPGIMS में कंजेनाइटल हार्ट डिजीज से ग्रसित शिशुओं के लिए इस हफ्ते सलोनी हार्ट सेंटर (SHC) के पहले चरण का शुभारंभ करेगा। यह भारत के लखनऊ में एक विश्व स्तरीय बाल चिकित्सा कार्डियक स्वास्थ्य केंद्र है। सलोनी हार्ट फाउंडेशन, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (SGPGIMS) और UCSF बेनिऑफ चिल्ड्रन हॉस्पिटल, कैलिफोर्निया में पीडियाट्रिक कार्डियक सेंटर टीम के बीच एक सहयोगी प्रयास है।
SHC ने एनआईए से एक विशेष बातचीत में भारत में बाल चिकित्सा देखभाल के भविष्य के लिए उनके दृष्टिकोण और योजनाओं का विवरण दिया है। एसएचसी जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) पर काम करता है। भारत में सालाना 240,000 बच्चों को यह बीमारी अपना शिकार बनाता है। केंद्र में 30 बेड, 6 आईसीयू बेड और एसजीपीजीआईएमएस के भीतर 1 ऑपरेटिंग थियेटर है। भविष्य में 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में विस्तार की योजना है।
5,000 जीवन रक्षक सर्जरी करने और सालाना 10,000 मामलों के लिए चिकित्सा प्रबंधन प्रदान करने के मिशन के साथ एसएचसी का लक्ष्य दुनिया का सबसे बड़ा बाल चिकित्सा हृदय स्वास्थ्य केंद्र बनना है। इसके अलावा यह 1,500 नए चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षित करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
सलोनी हार्ट सेंटर तीन प्रमुख पहलों के प्रति प्रतिबद्ध है। इनमें फ्री परामर्श प्रदान करना, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बाल चिकित्सा कार्डियो-थोरैसिक सर्जन और हृदय रोग विशेषज्ञों से डॉक्टर प्रशिक्षण को सक्षम करना और भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के योग्य चिकित्सा शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना शामिल है।
सलोनी हार्ट फाउंडेशन यह सुनिश्चित करता है कि हार्ट की गंभीर स्थिति वाले हर बच्चे का बेहतर डॉक्टरों से इलाज हो। एक माता-पिता ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एसएचएफ ने मेरी बेटी के लिए सही निर्णय लेने में मेरी बहुत मदद की। उन्होंने हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन किया और एक परिवार की तरह समर्थन प्रदान किया।
सलोनी हार्ट सेंटर भारतीय बाल चिकित्सा परिदृश्य को कैसे बदल देगा? इस सवाल के जवाब में SHC ने कहा कि सलोनी हार्ट सेंटर भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा विशेष देखभाल और उपचार प्रदान करने के लिए तैयार है। हम बच्चों के अस्पताल के लिए उन्नत तकनीकों, उच्च कुशल चिकित्सा विशेषज्ञों और आधुनिक सुविधाओं को तैयार कर रहे हैं, जो स्थानीय समुदाय के लिए नौकरी के अवसर और अधिक शिक्षा के संभावनाएं खोलेगा।
उन्होंने कहा कि सलोनी हार्ट फाउंडेशन का सहयोग भारत में गंभीर हृदय स्थितियों वाले बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के साझा लक्ष्य से प्रेरित है। संसाधनों, विशेषज्ञता, प्रशिक्षण और ज्ञान को मिलाकर सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने वाली विश्व स्तरीय सुविधा बनाना है। साझेदारी संस्थानों के बीच विचारों, अनुसंधान और प्रशिक्षण के अवसरों के आदान-प्रदान से भारत में बाल चिकित्सा हृदय केयर में इनोवेशन को बढ़ावा देने का रास्ता तैयार करेगी।
एसएचसी सभी परिवारों, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए स्वास्थ्य की पहुंच के महत्व को पहचानता है। इस पहल में निजी अस्पतालों की लागत के एक तिहाई पर उपचार की पेशकश, वित्तीय सहायता कार्यक्रम, सरकारी योजनाओं के साथ साझेदारी और गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग शामिल है। जागरूकता बढ़ाने और बाल चिकित्सा हृदय स्थितियों के बारे में शिक्षा प्रदान करने के लिए आउटरीच कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे, ताकि प्रत्येक बच्चे को विश्वस्तरीय हृदय देखभाल मिल सके।
SHC का उद्देश्य AIIMS जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग करके ज्ञान के अंतर को कम करना है। सम्मेलन, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना है। केंद्र भारत में मिशन को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट सहयोग और समर्थन को महत्वपूर्ण मानता है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login