भारतीय-अमेरिकी पॉडकास्ट होस्ट और फिल्म निर्माता शेरोन एंजेल के निर्देशन में बनी फिल्म 'The Audacity to Dream' हाल ही में कैलिफोर्निया की बेवर्ली हिल्स लाइब्रेरी में प्रदर्शित की गई।
यह फिल्म दक्षिण भारत के एक ग्रामीण इलाके की लड़की मनीषा की कहानी है, जो तमाम बाधाओं को पार करके अपने पढ़ाई के सपने को पूरा करती है। इस फिल्म का मकसद पब्लिक स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन की अहमियत को दर्शाना है।
इस फिल्म की शूटिंग भारत और अमेरिका दोनों जगहों पर हुई है। फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान एमी पुरस्कार विजेता पत्रकार स्टेला इंगर एस्कोबेडो और शहर की वाइस मेयर शारोना नाजारियन आदि कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
शेरोन ने एक बयान में बताया कि मनीषा एक डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन उसके सामने कई चुनौतियां थीं। उसने इन चुनौतियों का बहादुरी से सामना किया और अपने सपने को पूरा किया। इसकी कहानी मेरी अपनी जिंदगी से काफी मिलती है। भारत के तमिलनाडु राज्य में पैदा होने और शिक्षा के अवसरों से फायदा उठाने के कारण मुझे मनीषा की यात्रा से व्यक्तिगत जुड़ाव महसूस हुआ।
कैलिफोर्निया की बेवर्ली हिल्स लाइब्रेरी में फिल्म की स्क्रीनिंग गैर-लाभकारी संगठन विभा की बोर्ड सदस्य मोनिका एरंडे की मेजबानी में हुई। इस संगठन का मूलउद्देश्य वंचित बच्चों को सशक्त बनाना है। फिल्म का प्लॉट विभा के सीईओ अश्विनी कुमार द्वारा बताई गई एक कहानी से प्रेरित था।
मोनिका ने कहा कि इंग्लिश एक वैश्विक भाषा बन चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम्युनिकेशन के लिए यह बेहद आवश्यक है। उच्च शिक्षा की पढ़ाई अक्सर अंग्रेजी में होती है। ऐसे में भारत में भी बच्चों को बेहतर शैक्षिक अवसरों तक पहुंच बनाने के लिए इस भाषा को सीखना महत्वपूर्ण है।
शेरोन ने अमेरिका की शैक्षिक प्रणाली में भी सुधारों की वकालत की। उनका कहना था कि बच्चों को कम्युनिकेशन जैसे आवश्यक कौशल से लैस किया जाना चाहिए, जो तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया में अच्छे भविष्य के लिए अहम है।
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