भारत के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय एनजीओ एसएम सहगल फाउंडेशन (सहगल फाउंडेशन) ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित अपने ग्रीन बिल्डिंग कैंपस में 25वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई।
यह कार्यक्रम पिछली एक चौथाई सदी में ग्रामीण विकास के लिए फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। 1999 में एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित सहगल फाउंडेशन ने ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने, ग्रामीण भारत में स्थायी सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरण परिवर्तन लाने की दिशा में कार्य किया है। पिछले 25 वर्षों में फाउंडेशन ने भारत के 12 राज्यों के 66 जिलों के 2,658 से अधिक गांवों में अपनी उपस्थिति बनाई है।
बताया गया कि एसएम सहगल फाउंडेशन के ट्रस्टी जय सहगल ने एनजीओ की उपलब्धियों पर बधाई के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में फाउंडेशन की कामयाबी का श्रेय प्रतिभाशाली और प्रतिबद्ध टीमों, भागीदारों और समुदायों के समर्पण व कड़ी मेहनत को दिया।
सीईओ और ट्रस्टी अंजलि मखीजा ने फाउंडेशन के प्रमुख कार्यों के बारे में जानकारी दी जिसमें जल प्रबंधन, कृषि विकास, स्थानीय भागीदारी, स्कूल परिवर्तन के साथ साथ डिजिटल एवं लाइफ स्किल्स जागरूकता आदि शामिल हैं। उन्होंने महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए फाउंडेशन की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
एसएम सहगल फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. सूरी सहगल ने रिकॉर्डेड संदेश में कहा कि हमारे काम ने हमें सिखाया है कि सच्चा विकास केवल संसाधन प्रदान करना नहीं है बल्कि समुदायों के अंदर खुद आगे बढ़ने और सशक्तिकरण की भावना जगाना है। हमने समुदायों द्वारा की जाने वाली पहल और उनके प्रभाव से हासिल प्रगति को अपनी आंखों से देखा है। यह तभी संभव है, जब लोगों को पर्याप्त टूल्स और सपोर्ट मिले।
इवेंट के दौरान फाउंडेशन की पिछले 25 वर्षों की यात्रा को दर्शाने वाली फिल्म भी प्रदर्शित की गई। एक कॉफी टेबल बुक का अनावरण भी किया गया जिसमें संगठन की प्रमुख उपलब्धियों और साझेदारी के बारे में बताया गया है। कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में फाउंडेशन के कार्यों के बारे में बताया गया।
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