अमेरिका में पिछले साल भारतीय मूल की छात्रा जाह्नवी कंडुला की मौत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले वॉशिंगटन में सिएटल पुलिस के ऑफिसर डैनियल ऑडरर को बर्खास्त कर दिया गया है। डैनियल पर कंडूला की मौत का मजाक बनाने और आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
बेंगलुरु की रहने वाली कंडुला नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी से इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स में मास्टर्स की पढ़ाई कर रही थीं। 23 जनवरी 2023 को सिएटल पुलिस के अधिकारी केविन डेव ने उन्हें उस वक्त टक्कर मार दी थी, जब वह एक बिजी सड़क पार कर रही थीं। डेव 74 मील प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला रहा था, जबकि उस इलाके में स्पीड लिमिट 25 मील प्रति घंटा है। इस टक्कर में 23 वर्षीय छात्रा की मौके पर ही मौत हो गई थी।
इस जानलेवा दुर्घटना के बावजूद केविन डेव पर कोई आपराधिक आरोप नहीं लगाया गया। बस मार्च में 5,000 डॉलर का ट्रैफिक चालान भरने का आदेश दिया गया था। डेव ने अभी तक अपना जुर्माना नहीं भरा है और सिएटल पुलिस में काम कर रहा है।
सिएटल के अंतरिम पुलिस प्रमुख सू राहर ने डैनियल ऑडरर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट न्यू इंडिया अब्रॉड को भेजी है, जिसमें उसे बर्खास्त करने के कारण बताए गए हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि एक्सीडेंट के बाद डैनियल को यह सुनिश्चित करने के लिए मौके पर भेजा गया था कि डेव नशे में था या नही। ऑडरर ने दावा किया कि डेव नशे में नहीं था। इसके आधार पर उसे छोड़ दिया गया था।
वापस लौटते समय ऑडरर के बॉडी कैमरे में एक सहयोगी के साथ उनकी फोन पर दो मिनट की बातचीत रिकॉर्ड हुई। इसमें ऑडरर को यह कहते हुए सुना गया- "मुझे लगता है कि वह हुड पर आकर विंडशील्ड से टकराई थी और फिर जब उसने ब्रेक लगाए तो कार से उछलते हुए दूर गिर गई। वह मर चुकी थी। कंडूला की मौत की पुष्टि करने के बाद ऑडरर को कई सेकंड तक हंसते हुए सुना गया।
बॉडी कैम में रिकॉर्ड ऑडियो के अनुसार, ऑडरर को यह कहते हुए सुना गया कि- "हां, बस उसे एक चेक दे दो, 11,000 डॉलर का। वैसे भी वह 26 साल की थी। उसकी जिंदगी की ज्यादा कीमत नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार, बाद में ऑडरर को महसूस हुआ कि उसका बॉडी कैमरा चालू था, तब उसने उसे बंद कर दिया।
ऑडरर ने बाद में पुलिस जवाबदेही कार्यालय को बताया: "आप या तो हंस सकते हैं या रो सकते हैं। आप मौत पर नहीं, बेवकूफी पर हंसते हैं। उसने ये भी कहा कि यह उन लोगों के लिए असामान्य बात नहीं है जिन्हें पेशे के चलते अक्सर दर्दनाक स्थितियों का सामना करना पड़ता है। उनके वकील ने दलील दी कि ऑडरर ने कई वीभत्स केसों पर काम किया है, बहुत सी मौतें देखी हैं। पुलिस अधिकारी आम इंसानों की तरह मौत पर प्रतिक्रिया नहीं कर सकते। अगर वे हंसेंगे नहीं तो रोएंगे। उन्हें सेंसिटाइज किया जाना चाहिए।
जाह्नवी कंडुला की जिंदगी की कीमत के बारे में अपनी टिप्पणी पर सफाई देते हुए ऑडरर ने कहा था कि वह शहर के वकीलों का मजाक उड़ा रहे थे जो शायद गलत तरीके से हुई मौत का एक मुकदमा लड़ेंगे। बाद में ऑडरर ने माफी भी मांगी। लेकिन राहर ने उसे पुलिस फोर्स से बर्खास्त करने का फैसला किया।
राहर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि दुखद मौत के बारे में ऑडरर की क्रूर-कठोर हंसी और टिप्पणियों ने कंडुला के परिवार को गहरा दर्द दिया। इससे सिएटल पुलिस के प्रति आम लोगों के विश्वास को झटका लगा है। समुदाय के सदस्यों और भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने भी इसे लेकर काफी आक्रोश व्यक्त किया है।
ऑडरर की हरकत ने सिएटल पुलिस विभाग को शर्मिंदा किया है, पूरे पेशे को बदनाम किया है।
कंडूला को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले सितंबर में अभियान चलाने वाले कैलिफोर्निया के मेयर पद के उम्मीदवार राज सलवान ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि मुझे यह देखकर बहुत राहत मिली है कि इस दुखद मामले में जवाबदेही तय की गई है। ऑडरर की बर्खास्तगी स्पष्ट संदेश देती है कि कानून व्यवस्था में लापरवाही और असंवेदनशीलता की कोई जगह नहीं है। ऐसे बर्ताव की स्पष्ट निंदा की जानी चाहिए।
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