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भारतीय मूल के संजीबन चौधरी ने जीता नेवी यंग इन्वेस्टिगेटर पुरस्कार, रोबोटिक्स और AI में अभूतपूर्व उपलब्धि

अमेरिकी नौसेना अनुसंधान कार्यालय (ओएनआर) ने भारतीय मूल के सहायक प्रोफेसर संजीबन चौधरी को यंग इन्वेस्टिगेटर प्रोग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया है।

Sanjiban Choudhury with his team /

कॉर्नेल विश्वविद्यालय में कंप्यूटर साइंस पढ़ाने वाले भारतीय मूल के सहायक प्रोफेसर संजीबन चौधरी को अमेरिकी नौसेना अनुसंधान कार्यालय (ओएनआर) ने यंग इन्वेस्टिगेटर प्रोग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार हर तीन साल में दिया जाता है, जीतने वाले को $750,000 की रकम भी दी जाती है। चौधरी को यह पुरस्कार रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में अभूतपूर्व काम के लिए दिया गया है। 

कॉर्नेल के एन एस बोवर्स कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग एंड इंफॉर्मेशन साइंस में पीपल एंड रोबोट टीचिंग एंड लर्निंग (पीओआरटीएएल) समूह का नेतृत्व करते हुए, चौधरी का शोध रोबोट को जहाज के इंजन की मरम्मत जैसे जटिल, बहु-चरणीय कार्य करने में सक्षम बनाने पर केंद्रित है। इसमें उनके कार्यों में रोबोटों को मानव अनुदेशात्मक वीडियो और रियल टाइम की प्रतिक्रिया से जानकारी की व्याख्या करना सिखाना शामिल है।

चौधरी की परियोजना मे्ं रोबोटिक्स के साथ एआई प्रौद्योगिकियों को जोड़ना है। उनकी टीम का लक्ष्य खतरनाक वातावरण में काम करने या घर पर रोजमर्रा की मरम्मत में सहायता करने में सक्षम रोबोट बनाना है।

इस मौके पर संजीबन चौधरी ने कहा, "रोबोट आज जो कर सकते हैं, उससे यह एक बहुत बड़ा बदलाव है। उन्होंने कहा, "मैं एक पूरी तरह से नया कार्य लेने और उसे सिस्टम को सौंपने और यह देखने के लिए उत्साहित हूं कि यह क्या कर सकता है। गौरतलब है कि चौधरी के पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से बीटेक और एमटेक की डिग्री है। वह कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय से एमएस और पीएचडी भी कर चुके हैं।

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