मूल रूप से हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गायक रहे कुमार सानू सैन जोस सिविक सेंटर, कैलिफोर्निया में 1 जून को लाइव परफॉर्म करने वाले हैं। कुमार सानू के नाम 1991 से 1995 तक लगातार पांच बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायन का फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड है। उनके नाम 1993 से एक ही दिन में सबसे अधिक गाने रिकॉर्ड करने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है।
हिंदी संगीत की शौकीन श्रोता, एक सॉफ्टवेयर कंपनी में निदेशक और क्यूपर्टिनो निवासी ज्योति पांडे बताती हैं कि महान गायक किशोर कुमार का निधन 1987 में हुआ था। तब किशोर दा की शैली में गाने वाले शानू उस स्थान को भरने के लिए आगे आये।
ज्योति बताती हैं कि सानू ने टी-सीरीज के संकलनों की श्रृंखला में किशोर कुमार की आवाज पर अपना गायन शुरू किया। वर्ष 1989 में गजल गायक जगजीत सिंह ने सानू को मुंबई के विमल बंगले में कल्याणजी से मिलवाया। फिर आई फिल्म आशिकी के गानों 'धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना, नजर के सामने और बस एक सनम चाहिए... ने श्रोता-दर्शकों और खास तौर से युवाओं को अपना दीवाना बना दिया।
इसके बाद आई फिल्मों दिल है कि मानता नहीं, सड़क, साजन, दीवाना, दिल का क्या कसूर, दामिनी, राजा हिंदुस्तानी, परदेस और अंदाज (1991-2003) जैसे फिल्मों के गाने देश-दुनिया में गूंजने लगे। सड़कों, बरातों, ढाबों, नाई की दुकानों, ऑटो और ट्रकों में सुनाई देने लगे। और जब वर्ष 2001 में कुमार सानू को लोकप्रियता अमेरिका पहुंची तो डेटन, ओहियो मेयर ने 31 मार्च को कुमार सानू दिवस घोषित कर दिया। किसी भारतीय गायक को दिया जाने वाला यह अपनी तरह का पहला सम्मान था! कुमार सानू को भारत सरकार ने
वर्ष 2009 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा।
कुमार सानू के साथ लाइव परफॉर्म करेंगी महान संगीतकारद्वय कल्याणजी-आनंदजी की शिष्या साधना सरगम। साधना अपने जमाने के लगभग सभी दिग्गज और महान संगीतकारों के साथ काम कर चुकी हैं। जैसे नौशाद, रवींद्र जैन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और आरडी बर्मन। साधना को फिल्मफ़ेयर पुरस्कार, ज़ी सिने पुरस्कार और कई सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
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