शमा भगत
बॉलीवुड के 'टाइगर' यानी सलमान खान ने एक बार फिर दहाड़ लगाई है। टाइगर की तीसरी पेशकश की जबर्दस्त कामयाबी के साथ ही 58 वर्षीय सलमान यानी सबके भाईजान ने एलानिया तौर पर सुनहरे पर्दे पर एक्शन और रोमांस का जादू चलाया है। टाइगर-3 की कामयाबी के बाद सलमान कहते हैं- मुझे उम्मीद है कि इससे दर्शकों में जुनून कायम होगा।
पर्दे पर खूब जमती है सलमान-कैटरीना की कैमिस्ट्री। Image : social media
इसमें दोराय नहीं है कि सलमान बॉलीवुड के एक कामयाबी अभिनेता हैं लेकिन कामयाबी को लेकर उनका खुद का सोच क्या है। इस बारे में सलमान कहते हैं कि मैं सफलता को सामान्य अर्थों में नहीं देखता। लेकिन मुझे यह पता है कि असफलता क्या होती है और उसे किस तरह से लेना चाहिए। जब आप नाकाम होते हैं तभी आपको पता चलता है कि कामयाबी की कीमत क्या होती है। नाकाम होने पर आप अधिक मेहनत के साथ काम करते हैं। तब आप अपने काम के प्रति अधिक निष्ठावान भी होते हैं। हम सबके जीवन में नाकामी के पल आते हैं। जो लोग नाकामी से सबक लेकर आगे बढ़ते हैं वही विजेता होते हैं।
बिग बॉस और सलमान खान एक-दूसरे के पर्याय हो गये हैं। Image : social media
भाई और बादशाह को बॉलीवुड में कामयाबी का कॉम्बो पैक माना जाता है। यह बात दर्शक और फिल्मी दुनिया से जुड़े सब लोग जानते हैं। भाई और बादशाह भी इस गांरंटी से वाकिफ हैं। सलमान कहते हैं कि जब दो बड़े हीरो पर्दे पर एक साथ आते हैं तो उनके अपने-अपने चाहने वाले सिनेमाघरों की तरफ खिंचे चले आते हैं इसलिए बड़ी जोड़ी सफलता की गारंटी है। दर्शकों की बड़ी संख्या के कारण कई रिकॉर्ड भी टूटते हैं। शाहरुख के साथ मैंने कई फिल्में की हैं। हम एक-दूसरे की फिल्मों में भी कैम्यो कर चुके हैं।
लेकिन सभी फिल्मों के सीक्वल कामयाब भी नहीं हो पाये हैं। फिर सीक्वल के बाद उसकी अगली कड़ी पर काम करना कई बार जोखिम भरा हो जाता है। जब सलमान से पूछा गया कि 2012 में जब आप एक था टाइगर लेकर आये थे तब क्या यह बात दिमाग में थी कि टाइगर बहुत दूर तक जाएगा। इस पर सलमान कहते हैं कि शुरुआत में लग तो रहा था कि टाइगर दूर तक जा सकता है लेकिन तब हमने इसे लेकर कुछ करना चालू नहीं किया था। सीक्वल पर काम करना तभी शुरू किया जब लोगों ने इसे बेइंतहा पसंद किया।
बहरहाल, ब़ॉलीवुड या फिल्म इंडस्ट्री में सुपरस्टार की एक छवि है। कई नायक खुद को सुपरस्टार या मेगा स्टार कहलाना भी पसंद करते हैं। लेकिन सलमान का सोच इस बारे में कुछ अलग है। वह कहते हैं कि जो भी खुद को सुपरस्टार मानता है वही सुपरस्टार है। लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता। न मैं वैसा हूं और न ही मेरा पहनावा उस तरह का है। हां लेकिन मुझे लगता है कि मेरी चाल में वह झलकता है। कुछ लोगों को लगता है कि मेरी चाल में घमंड है। लेकिन मैं क्या कर सकता हूं, मेरी चाल है ही कुछ ऐसी। मैं उसे बदल भी नहीं सकता। मैं इसी में सहज भी हूं। जब मैं कहीं जाता हूं तो कुछ लोग मुझे देखकर बातें भी बनाते हैं। वे कहते हैं- देखो तो... पता नहीं खुद को क्या समझता है। लेकिन सच यही है कि मैं ऐसा ही बना हूं और अगर अब मैं इस इसे बदलने की कोशिश करूंगा तो वह मुझपर रास नहीं आने वाला। मैं बचपन से ही ऐसा हूं। रही बात स्टारडम की तो मैं उस पर यकीन नहीं करता क्योंकि उसे हासिल करने के लिए मैंने कुछ खास किया भी नहीं है।
उतार-चढ़ाव, कामयाबी और नाकामी के समंदर में तैराकी करते हुए सलमान को भी एक अर्सा हो गया है। सलमान की ही तरह कई सितारे अपने जीवन में हाफ सेंचुरी लगा चुके हैं लेकिन इसके बाद भी रुपहले पर्दे पर ही नहीं लोगों के ऊपर भी इनका जादू अभी बरकरार है। सलमान कहते हैं कि फैंस का प्यार उन्हे उत्साहित करता है। बकौल सलमान- हमारे चाहने वाले आज भी हमसे प्रेरणा लेते हैं, इसीलिए वे हमे देखने भी आते हैं। अक्षय कुमार, अजय देवगन, शाहरुख, आमिर या फिर संजय दत्त के जितने भी पुराने फैंस हैं वे सभी उनकी फिटनेस देखकर प्रभावित होते हैं और खुद को भी वैसा ही बनाये रखना चाहते हैं। और नौजवानों को लगता है कि जब 50 पार करने के बाद भी ये सब ऐसे दिख सकते हैं तो उनमें भी उम्मीद जागती है।
इसमें दोराय नहीं है कि बिग बॉस और सलमान खान एक-दूसरे के पर्याय हो गये हैं। बिग बॉस ने भले ही छोटे पर्दे के दर्शकों की मानसिकता बदल दी हो लेकिन इसकी कामयाबी ने सलमान को जरा भी नहीं बदला। अलबत्ता सलमान इतना जरूर कहते हैं कि अब मैंने अच्छे काम करना अधिक कर दिया है और बुरे काम कम कर दिये हैं।
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