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दुनिया के संतों ने प्रयागराज के भव्य, स्वच्छ और आधुनिक महाकुंभ को सराहा

महाकुंभ में सनातन संस्कृति के भव्य उत्सव से फ्रांस, जापान, स्पेन और नेपाल के संत मंत्रमुग्ध हैं।

विदेशी संतों को प्रभावित कर रही हैं महाकुंभ की आधुनिक व्यवस्थाएं। / X@uptourismgov

दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला और संत समागम अगने महीने से भारत की तीर्थनगरी प्रयागराज में शुरू होने जा रहा है। इसीलिए प्रयागराज में भव्य महाकुंभ से पहले विदेशी संतों के साथ-साथ देशभर से संतों का भारत की पावन नगरी में पहुंचना जारी है। अखाड़ों के पवित्र झंडे उठते हैं और कुंभ शहर व कुंभ छावनी में प्रवेश जुलूस अपने पारंपरिक मार्गों पर आगे बढ़ते हैं। 

महाकुंभ में पहुंचने वाले विदेशी संत आयोजन की नई व्यवस्थाओं से काफी प्रभावित हो रहे हैं। इन विदेशी संतों को महाकुंभ की भव्य और सावधानीपूर्वक आयोजित व्यवस्था बेहद अनुकूल लग रही है क्योंकि वे इस विशाल आध्यात्मिक आयोजन के लिए पवित्र शहर में पहुंच रहे हैं।

जैसे-जैसे प्रयागराज महाकुंभ की तारीख नजदीक आ रही है कुंभ के अखाड़ा क्षेत्र में संतों की मौजूदगी लगातार बढ़ती जा रही है। देश-विदेश से संतों का पहुंचना शुरू हो गया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश शोभा यात्रा में शामिल विदेशी संतों को महाकुंभ की व्यवस्थाएं प्रभावशाली लग रही हैं।

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोम गिरि (पायलट बाबा) की जापानी शिष्या योग माता केइको कई अन्य जापानी महिला संतों के साथ जुलूस में शामिल हुई हैं। उन्होंने कहा कि शिविर प्रवेश जुलूस ने उन्हें आगामी महाकुंभ में हवाई कनेक्टिविटी और परिवहन सहित अच्छी व्यवस्था का अहसास कराया। केइको ने व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। 

नेपाल की महिला संत और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमा नंद गिरि ने कहा कि यह संतों का सौभाग्य है कि जिस राज्य में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है वहां के मुख्यमंत्री भी एक संत हैं। योगी जी जिस तरह भव्य और दिव्य महाकुंभ के आयोजन का संकल्प लेकर तैयारी कर रहे हैं उससे अब सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार नेपाल समेत दुनिया के विभिन्न देशों में तेजी से हो रहा है।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार स्वच्छता और डिजिटलीकरण पर जोर देने के साथ प्रयागराज महाकुंभ को भव्य और आध्यात्मिक रूप से उन्नत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इन प्रयासों से विदेशी संत भी प्रसन्न हैं।

जूना अखाड़े की संत अंजना गिरी स्पेन की रहने वाली हैं और पहले एंजेला के नाम से जानी जाती थीं। उन्होंने साझा किया कि वह अपने गुरु के साथ पिछले 30 वर्षों से महाकुंभ में भाग ले रही हैं। हालांकि इस बार अनुभव अलग है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर जोर दिया जा रहा है, हर जगह साफ-सफाई सुनिश्चित की जा रही है। जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है जिससे विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यह आसान हो गया है। 

फ्रांस के ब्रूनो गिरि भी पहले दो महाकुंभों में भाग ले चुके हैं। उन्होंने भी तैयारियों की प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने समग्र अनुभव में बदलाव और सुधारों को लेकर कहा कि इस बार शहर अलग महसूस कर रहा है, यहां उत्सव का माहौल है।
 

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