न्यू ब्रंसविक स्थित रटगर्स यूनिवर्सिटी की छात्रा काजल यादव को Aspire2STEAM स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया है। काजल कंप्यूटर साइंस और डेटा साइंस की सेकंड इयर की स्टूडेंट हैं।
यह पुरस्कार विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला या गणित (STEAM) में करियर बनाने वाली युवा महिलाओं और लड़कियों को प्रदान किया जाता है। Aspire2STEAM के संस्थापक चेरिल ओ'डोनोग्यू ने काजल की महत्वाकांक्षाओं की जमकर तारीफ की।
उन्होंने कहा कि काजल ऐसी कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं जो एडवांस यूजर इंटरफेस बनाने पर काम कर रही हैं ताकि लोग गूगल जैसे टेक प्लेटफार्मों का उपयोग करके अपने अनुभव का अधिकतम लाभ उठा सकें। उनका प्रोग्राम हाई क्वालिटी जानकारी प्रदान करता है, वो भी तुरंत और बिना गड़बड़ियों के। इसमें कोई संदेह नहीं है कि काजल अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगी।
कोडिंग के लिए काजल यादव का जुनून उनके जीवन का हिस्सा रहा है। वह खेल का भी आनंद लेती है, लेकिन प्रोग्रामिंग के लिए अधिक समर्पित रहती हैं। उनका कहना है कि कोडिंग मेरी जिंदगी में बहुत खास रही है। शुरुआत में कुछ चुनौतियां आईं, खुद पर विश्वास भी डगमगाया, लेकिन मैंने सीखा कि संदेह करना भी अच्छा हो सकता है। मैं उन संदेहों को थोड़ा भरोसा करके शांत रहूं तो वह हासिल कर सकती हूं, जो मेरा लक्ष्य है।
काजल की जुड़वां बहन रिया यादव को भी Aspire2STEAM स्कॉलरशिप मिल चुकी है। युवा प्रोग्रामर शैक्षणिक उपलब्धियों के अलावा वॉलंटियरवर्क, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भी सक्रिय रहती हैं। उन्होंने युवाओं के लिए कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम की सह-स्थापना की है। वह रुबिस्को एसटीईएम मेंटरशिप प्रोग्राम के जरिए मेंटरशिप भी प्रदान करती हैं।
यादव ने "द अर्ली फॉर्मेशन ऑफ मैथमेटिक्स: यूक्लिड की थ्योरी" लिखने के अलावा लुईस बुर्जुआ व सेसिलिया पायने गैपोसकिन जैसी प्रभावशाली महिलाओं पर शोध भी किया है। यादव क्लॉसी स्कॉलर रही हैं। उन्हें नेशनल सेंटर फॉर वीमेन इन टेक्नोलॉजी अवार्ड भी मिल चुका है। उन्होंने ज़ूनिवर्स सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट के स्टार नोट्स वॉलंटियर के रूप में भी योगदान दिया है। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन ट्रांसक्रिप्शन सेंटर में भी काम किया है।
Aspire2STEAM साल 2018 में स्थापित एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में छात्रवृत्ति और मान्यता कार्यक्रमों के जरिए STEAM क्षेत्रों में युवा महिलाओं को सपोर्ट करती है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login