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अमेरिका से भारत क्यों लौटे, प्रेरित करती है इस मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट की कहानी

वॉशिंगटन में आयोजित सेलेक्टयूएसए समिट में कर्नाटक के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व फिक्की कर्नाटक स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष उल्लास कामथ ने किया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा समर्थित सात डीप टेक स्टार्टअप के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

डॉक्टर से आंत्रप्रेन्योर बने डॉ. श्रीकांत सोला Devic Earth के सीईओ हैं। /

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीकांत सोला अमेरिका में पले-बढ़े और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई के बाद ड्यूक यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की। लेकिन अब अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए वह भारत लौट गए हैं। 

डॉक्टर से आंत्रप्रेन्योर बने डॉ. श्रीकांत सोला ने वाशिंगटन डीसी में सेलेक्टयूएसए समिट के दौरान अपनी प्रेरक कहानी साझा की। Devic Earth के सीईओ डॉ. सोला ने कहा कि मैं भारत वापस गया क्योंकि मैं अपने देश की सेवा करना चाहता था, गरीबों के लिए काम करना चाहता था। 

टेक्नोलोजी स्टार्टअप एक्सपर्ट्स और संस्थापकों की मौजूदगी में डॉ. सोला ने कहा कि बेंगलुरु में काम करते हुए मैंने लोगों को वायु प्रदूषण के विनाशकारी प्रभाव की वजह से दिल की बीमारियों की चपेट में आते हुए देखा। इनमें 20 और 30 के दशक वाले युवा लोग भी थे। इसके बाद मैंने और जी-जान से उनके लिए काम करना शुरू किया। 

डॉ. सोला की कंपनी डेविक अर्थ का एक उत्पाद प्योर स्काईज है। यह वाई फाई आधारित तकनीक से हवा में गैसीय और प्रदूषित कणों का ट्रीटमेंट करता है। प्योर स्काईज प्रदूषण के पीएम-10 और पीएम-2.5 जैसे बारीक कणों और एक माइक्रोन से छोटे नैनो कणों से छुटकारा दिलाने का काम करता है।

इस लंच रिसेप्शन का आयोजन इंडियन अमेरिकन बिजनेस इम्पैक्ट ग्रुप (IAMBIG) द्वारा किया गया था। इसमें फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) और कर्नाटक सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया। इस साल सेलेक्टयूएसए में इतिहास में भारत का अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल आया है। 

इनोवेशन और नेटवर्किंग 
सम्मेलन में कर्नाटक के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व फिक्की कर्नाटक स्टेट काउंसिल के अध्यक्ष उल्लास कामथ ने किया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा समर्थित सात डीप टेक स्टार्टअप के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यहां कर्नाटक की प्रतिभाओं का प्रदर्शन करना है और उन्हें अमेरिका में नेटवर्किंग मजबूत करने में मदद करना है, जिससे व्यापार और पूंजी दोनों प्राप्त हो सके। 

अमेरिका में फिक्की का प्रतिनिधित्व करने वाली पूर्णिमा शेनॉय ने कहा कि हमारे पास एआर, वीआर, एआई, स्पेस टेक के क्षेत्र में कई स्टार्टअप्स हैं। वे इन्वेस्टमेंट, मेंटर्स के अलावा कारोबारी साझेदारी के लिए उत्सुक हैं। हमें उम्मीद है कि इसमें निरंतर कामयाबी मिलेगी और कारोबार में इजाफा होगा। 

कारोबारी अवसरों की खोज
एक वक्ता ने भारत से आए प्रतिनिधिमंडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों का फायदा उठाते हुए कारोबारी अवसरों का पता लगाने का यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने पूंजी, प्रौद्योगिकी और अमेरिकी बाजार में उपलब्ध संभावित अवसरों का जिक्र करते हुए साझा विकास के महत्व पर जोर दिया।

टेक कंपनी मैसन के सीईओ बरादा साहू ने माइक्रोसॉफ्ट रोबोटिक्स के क्षेत्र के अपने अनुभवों को याद किया। वह सिलिकॉन वैली में जाने से पहले बिल गेट्स के लिए कई रोबोट विकसित करने पर काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने एक रोबोट बनाया है जो पेंटिंग कर सकता है और डोसा या चपाती बनाने जैसे काम भी कर सकता है।
 

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