भारतीय-अमेरिकी प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने प्रतिनिधि बेक्का बैलिंट और पॉल टोंको के साथ स्मॉल डॉलर डोनर प्रोटेक्शन एक्ट (SDDPA) पेश किया है। यह विधेयक अभियानों में ऑनलाइन छोटे डॉलर के दान के बढ़ते प्रचलन के बारे में है। अकेले 2024 की पहली तिमाही में 12 लाख से अधिक लोगों ने सदन और सीनेट अभियानों के लिए 50 लाख दान दिए जिनमें से लगभग दो-तिहाई योगदान 20 डॉलर से कम था।
SDDPA का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि राजनीतिक अभियान उनके छोटे डॉलर के समर्थन का सटीक प्रतिनिधित्व करें और ये दान धोखाधड़ी या झूठे बहाने के तहत न मांगे जाएं। यह विधेयक अभियानों के जमीनी स्तर पर समर्थन के संबंध में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए एक रिपोर्टिंग तंत्र स्थापित करने की वकालत करता है।
प्रस्तावित कानून को लेकर प्रतिनिधि जयपाल ने कहा कि राजनीतिक अभियान छोटे-डॉलर के दान का प्रचार करना पसंद करते हैं। यह एक अच्छी बात है। हमें उम्मीदवारों को अपने अभियानों के लिए धनवान व्यक्तियों और निगमों की मदद करने के बजाय अपने मतदाताओं से जमीनी स्तर पर समर्थन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। लेकिन अभी कई अभियान छोटे डॉलर का दान मांगने के लिए भ्रामक रणनीतियों का उपयोग करते हैं।
प्रमिला ने कहा कि इसीलिए मुझे इन दाताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए छोटे डॉलर दाता संरक्षण अधिनियम का समर्थन करने और चुनाव आोग को इस बात पर अधिक अधिकार और निगरानी देने पर गर्व है कि अभियान उनके छोटे-डॉलर दान की रिपोर्ट कैसे करते हैं।
बकौल प्रमिला जमीनी स्तर पर धन जुटाना हमारी राजनीतिक प्रक्रिया और लोकतंत्र के लिए अच्छा है। जब अभियान पैसे मांगने के लिए भ्रामक रणनीति का उपयोग करते हैं तो यह न केवल हमारे चुनावों के लिए बुरा है बल्कि यह औसत लोगों को अपनी मेहनत की कमाई खर्च करने के लिए भी प्रेरित करता है। अब इन प्रथाओं पर नकेल कसने का समय आ गया है। कानून बन जाने पर अभियानों को 200 डॉलर से कम प्राप्त योगदानों की संख्या बतानी होगी।
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