भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी श्री थानेदार ने पूर्व सैनिकों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और उन्हें सक्रिय ड्यूटी सेवा से बाहर होने के बाद भी अपने मौजूदा मानसिक स्वास्थ्य प्रदाताओं से उपचार प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए एक विधेयक पेश किया है।
H.R. 9091- मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता प्रतिधारण अधिनियम 2024 का उद्देश्य सामान्य आबादी की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर सशस्त्र बलों को प्रभावित करने वाली अनुपातहीन दर को काबू करने के लिए एक विधायी समाधान प्रदान करना है।
विधेयक को लेकर श्री थानेदार ने कहा कि हमारे सैनिक और पूर्व सैनिक सामान्य आबादी की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बहुत अधिक पीड़ित हैं। हमें अपने सशस्त्र बलों के अतीत और वर्तमान सदस्यों को प्रभावित करने वाले मानसिक स्वास्थ्य संकट को हल करने में मदद के लिए तत्काल विधायी कार्रवाई की आवश्यकता है।
प्रतिनिधि ने कहा कि यह सुनिश्चित करके कि हमारे सेवा सदस्यों को उनकी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की निरंतरता मिले, मेरा कानून हमारे सैनिकों का समर्थन करेगा क्योंकि सेवा समाप्त हो जाने के बाद वे एक सामान्य दुनिया में आ जाते हैं जो कि उनके लिए एक सामान्य नागरिक के रूप में एक कठिन यात्रा है।
इस साल जून में थानेदार ने 'संस्थागत मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार अधिनियम" पेश किया था जिसमें सामाजिक सुरक्षा अधिनियम के शीर्षक XIX में संशोधन करने की मांग की गई थी जो मेडिकेड कार्यक्रम से मानसिक रोगों के लिए संस्थानों में रोगियों को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सहायता को बाहर करता है। उन्होंने सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सहायता की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
मिशिगन के कांग्रेसी ने शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खामोश, अनदेखी लड़ाइयां उतनी ही घातक होती हैं जितनी नंगी आँखों से दिखाई देने वाली लड़ाइयां। अब समय आ गया है कि हम मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों को और अधिक सुलभ बनाना शुरू करें।
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