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टॉम के समर्थन में मैदान में उतरे राजा कृष्णमूर्ति, भारतीयों की ताकत को जानते हैं सुओजी

राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि टॉम ने मेरे साथ अमेरिका-भारत कॉकस में काम किया है। कांग्रेस में मेरे पहले कार्यकाल के दौरान हमने एक साथ भारत की यात्रा की। वह हमारे विविध समुदाय को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों को जानते हैं। इन मुद्दों पर साथ मिलकर आवाज उठाने का हमारा एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है।

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने टॉम सुओजी का समर्थन किया है। / @RajaForCongress

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क के तीसरे कांग्रेस जिले में होने वाले चुनाव को लेकर टॉम सुओजी के समर्थन में दो अभियान कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। आगामी 13 फरवरी को होने वाले विशेष चुनाव को लेकर सुओजी की जीत के लिए उन्होंने उन्होंने नासाउ काउंटी, न्यूयॉर्क की यात्रा की। टॉम सुओजी के समर्थन और फंड जुटाने के इस अभियान में बड़ी तादाद में क्षेत्र के दक्षिण एशियाई निवासी भी कृष्णमूर्ति के साथ आए।

राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि टॉम ने मेरे साथ अमेरिका-भारत कॉकस में काम किया है। कांग्रेस में मेरे पहले कार्यकाल के दौरान हमने एक साथ भारत की यात्रा की। वह हमारे विविध समुदाय को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों को जानते हैं। और यह सबसे ज्यादा मायने रखता है कि इन मुद्दों पर साथ मिलकर आवाज उठाने का हमारा एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है।

जानकारों का कहना है कि 13 फरवरी को होने वाले इस चुनाव में दक्षिण एशियाई लोगों का मतदान महत्वपूर्ण होगा। इस चुनाव का विजेता वाशिंगटन में शक्ति संतुलन में एक बड़ा रोल निभाएगा, जहां रिपब्लिकन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट पर बहुमत रखते हैं। इसके अलावा, न्यूयॉर्क के तीसरे कांग्रेस जिले में एशियाई अमेरिकी प्रशांत द्वीप समूह (AAPI) मूल के व्यक्ति 17.6 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इस दौड़ में टॉम सुओजी के प्रतिद्वंद्वी के बारे में पूछे जाने पर कृष्णमूर्ति ने कहा कि वह टॉम की तरह हमारे समुदाय को नहीं जानती है ... कृपया बाहर जाएं और टॉम को वोट दें, और अपने सभी दोस्तों और परिवार को बाहर निकलने और वोट देने के लिए कहें।

टॉम सुओजी को अपने क्षेत्र में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की ताकत का अहसास है। इसलिए कृष्णमूर्ति का समर्थन उनके लिए जरूरी है। दरअसल, जब भारत सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को निरस्त कर दिया था तो उस वक्त सुओजी ने विवादित बयान दिए थे। उस वक्त भारतीय मूल के लोगों ने उनका जोरदार विरोध किया था। जम्मू-कश्मीर को लेकर उनके रुख से भारतीय भड़क गए थे। इसके बाद सुओजी को भारतीय मूल के लोगों से माफी मांगनी पड़ी थी।

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