भारत के पंजाब राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार प्रवासियों को अपनी “जड़ों की ओर वापसी” के लिए कई प्रयास कर रही हैं, इसके उलट राज्य से विदेश जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंकड़े बताते हैं कि 2020 के बाद से राज्य में पासपोर्ट हासिल करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2023 में तो यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में पंजाब राज्य के लोगों को 11.94 लाख नए पासपोर्ट जारी किए गए। यह राज्य में अब तक एक साल में जारी पासपोर्टों की सबसे अधिक संख्या है।
पिछले साल सबसे ज्यादा पासपोर्ट जारी करने वाले राज्यों में केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब चौथे स्थान पर है। चूंकि ये बड़े राज्य हैं इसलिए पंजाब में पासपोर्ट पाने वाली आबादी का प्रतिशत सबसे ज्यादा है।
वर्तमान में राज्य में 55 लाख परिवार हैं। पिछले 10 वर्षों में यहां से 81.20 लाख से अधिक पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं। चूंकि पासपोर्ट जारी कराने के लिए 1,500 रुपये का शुल्क देना पड़ता है, ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि पंजाबियों द्वारा इस उद्देश्य के लिए 1,218 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 2023 में पंजाबियों ने पासपोर्ट बनवाने के लिए 179.10 करोड़ रुपये फीस के रूप में चुकाए थे।
2023 से पहले राज्य में सबसे ज्यादा पासपोर्ट 2018 में जारी हुए थे। उस समय 10.69 लाख पासपोर्ट जारी किए गए थे। 2019 में 9.46 लाख पासपोर्ट जारी हुए। अगले दो वर्षों तक कोविड महामारी के दौर में 2020 और 2021 में यह संख्या घटकर क्रमशः 4.82 लाख और 6.44 लाख हो गई।
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