भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति को विंडी सिटी की प्रभावशाली शिकागो पत्रिका ने 50 सबसे शक्तिशाली शिकागोवासियों की सूची में 24वां स्थान दिया है। कृष्णमूर्ति इस सूची में दक्षिण एशियाई मूल के सर्वोच्च रैंक वाले व्यक्ति हैं जो शिकागो और उसके बाहर अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करना जानते हैं। पावर 50 सूची में इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रित्जकर शीर्ष पर हैं और उनके बाद शिकागो के मेयर ब्रैंडन जॉनसन हैं।
पत्रिका का मानना है कि अब अपने चौथे कार्यकाल में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में इलिनोइस के 8वें जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए डेमोक्रेट कृष्णमूर्ति (50) 2026 में सीनेट के लिए मैदान में उतर सकते हैं बशर्ते मौजूदा डिक डर्बिन सेवानिवृत्त हो जाते हैं। कांग्रेसी राजा के पास अपने अभियान खजाने में 14.4 मिलियन डॉलर हैं। यह राशि इलिनोइस के किसी भी अन्य कांग्रेस प्रतिनिधि की तुलना में तीन गुना से अधिक और पूरी कांग्रेस में तीसरा सबसे बड़ा कोष है।
एक राजनीतिक परामर्शदाता के मुताबिक राजा देश के एक बड़े खिलाड़ी हैं। वर्ष 2022 में कृष्णमूर्ति ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों और डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी को 460,000 डॉलर का दान दिया था। लेकिन कहा जाता है कि वह 2026 में सीनेट चुनाव लड़ने के लिए अपने अभियान के वास्ते नकदी जमा कर रहे हैं। कृष्णमूर्ति उत्तर पश्चिमी उपनगरों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राजा का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ। उनके माता पिता दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडू के हैं जबकि राजा का पालन इलिनोइस में हुआ। कृष्णमूर्ति 2022 में 438 सदस्यीय सदन के लिए चुने गए रिकॉर्ड पांच भारतीय अमेरिकियों में से एक हैं।
फिलहाल सीनेट में कोई भारतीय-अमेरिकी नहीं है। हालांकि उपराष्ट्रपति के रूप में कमला हैरिस अमेरिकी सीनेट की अध्यक्षता करती हैं। वह 2024 के चुनावों में फिर से राष्ट्रपति जो बाइडन की साथी होंगी।
पिछले साल कृष्णमूर्ति को कांग्रेस में एशियाई-अमेरिकी, मूल हवाईयन और प्रशांत द्वीपसमूह (AANHPI) समुदायों के हितों को आगे बढ़ाने वाले राजनीतिक नेतृत्व के लिए दलीप सिंह सौंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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