ऑस्ट्रेलिया की चार्ल्स स्टर्ट यूनिवर्सिटी ने भारतीय मूल की प्रोफेसर नीना मित्तर को डिप्टी वाइस चांसलर एसोसिएट (ग्लोबल रिसर्च) नियुक्त किया है। मित्तर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वैज्ञानिक और क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में हॉर्टिकल्चर साइंस सेंटर की निदेशक हैं।
प्रोफेसर मिटर नई भूमिका में अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, अनुसंधान के व्यावसायीकरण और विश्वविद्यालय के वैश्विक अनुसंधान में योगदान को बढ़ाने पर फोकस करेंगी। उनकी नियुक्ति चार्ल्स स्टर्ट विश्वविद्यालय के ग्रामीण स्वास्थ्य, खाद्य एवं जल सुरक्षा और क्षेत्रीय कल्याण जैसे अनुसंधान क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के रूप में हुई है।
प्रो मित्तर ने सस्टेनेबल एग्रीकल्चर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बायोक्ले के साथ उनका काम भी शामिल है जो वैश्विक स्तर पर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार कीट व्हाइटफ्लाई से निपटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नई तकनीक है। भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग से विकसित बायोक्ले प्रोजेक्ट को फसल संरक्षण के लिए गेम चेंजर माना जाता है।
प्रोफेसर मित्तर सतत फसल संरक्षण के लिए ऑस्ट्रेलियाई अनुसंधान परिषद के औद्योगिक परिवर्तनकारी अनुसंधान हब की निदेशक भी हैं। उन्होंने अनुसंधान और नवाचार में कई प्रशंसाएं अर्जित की हैं। उन्हें कई प्रतिष्ठित फैलोशिप, पेटेंट और पुरस्कार मिल चुके हैं।
डिप्टी वाइस चांसलर के रूप में प्रो मित्तर विश्वविद्यालय का वैश्विक अनुसंधान में योगदान बढ़ाने, साझेदारी मजबूत करने और खासतौर से कृषि संबंधी वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए चार्ल्स स्टर्ट के नेतृत्व के साथ मिलकर काम करेंगी।
मित्तर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बोटनी में स्नातक करने के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से पीएचडी की डिग्री हासिल की है।
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