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अरकंसास यूनिवर्सिटी के इस प्रोफेसर को मिला शिक्षा में विशेष योगदान के लिए ESA पुरस्कार

अरकंसास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रूपेश फिलहाल वह कई पीएचडी और एमएस छात्रों की मेंटरशिप कर रहे हैं। वह अब तक 75 से अधिक पीयर रिव्यू शोध लिख चुके हैं।

रूपेश ने ने पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी से एंटोमोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ पीएचडी की है। / Image - University of Arkansas

अरकंसास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रूपेश करियत को एंटोमोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका (ESA) की तरफ से शिक्षा क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए 2024 का विशिष्ट उपलब्धि पुरस्कार प्रदान किया गया है। 

यह पुरस्कार एंटोमोलॉजी के क्षेत्र में टीचिंग और मेंटरिंग में रूपेश के योगदान को मान्यता प्रदान करता है। यह पुरस्कार शिक्षकों के लिए ईएसए का सर्वोच्च सम्मान है, जो हर साल सबसे उत्कृष्ट शिक्षक माने जाने वाले सदस्य को प्रदान किया जाता है।

कीट-पौधों के संपर्क और केमिकल इकोलॉजी के विशेषज्ञ रूपेश अरकंसास यूनिवर्सिटी के डेल बंपर्स कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल, फूड एंड लाइफ साइंसेज मं एंटोमोलॉजी और प्लांट पैथोलॉजी विभाग में फैकल्टी मेंबर हैं। रूपेश अरकांसस के कृषि प्रयोग स्टेशन के माध्यम से अनुसंधान भी करते हैं। 

रूपेश ने इस अवसर पर कहा कि मैं उन सभी छात्रों का ईमानदारी से आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने वर्षों तक मेरी कक्षाओं का लाभ उठाया। मैं अपनी मां का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जो 30 वर्षों तक स्कूल में शिक्षका रहीं। वह हमेशा से ही शिक्षण में मेरी आदर्श रही हैं।

एंटोमोलॉजी और प्लांट पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख केन कोर्थ ने रूपेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह शिक्षण के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट हैं चाहे क्लास हो, फील्ड हो या फिर लैब। वह युवा वैज्ञानिकों के लिए एक बेहतरीन संरक्षक हैं। उनके स्नातक छात्रों का उच्च प्रदर्शन उनकी कामयाबी का सबूत है।

पुरस्कार के पूर्व विजेता और केंटकी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमेरिटस डैनियल पॉटर ने रूपेश करियत की सराहना करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि यह ईएसए के सभी पुरस्कारों में सबसे महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि रूपेश के कार्यों को योग्य मान्यता मिली है।

रूपेश अब तक 14 एमएस छात्रों को स्नातक करने में योगदान दे चुके हैं। इस वक्त वह कई पीएचडी और एमएस छात्रों की मेंटरशिप कर रहे हैं। वह अब तक 75 से अधिक पीयर रिव्यू शोध लिख चुके हैं और 3.2 मिलियन डॉलर से अधिक के अनुदान में योगदान दे चुके हैं। 

रूपेश ने ने पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी से एंटोमोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ पीएचडी की है। उन्होंने व्योमिंग विश्वविद्यालय से एमएस और भारत के वेल्लानिक्करा में केरल कृषि विश्वविद्यालय से बीएस कर रखा है। 
 

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