व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का जश्न किसी के लिए भी जीवन भर की अविस्मरणीय घटना थी और है। लेकिन 2000 के दशक की शुरुआत में भारतीय प्रवासियों के मन में ऐसा विचार भी अकल्पनीय था। वर्ष 2003 में भारतीय आप्रवासी आबादी उतनी बड़ी या प्रभावशाली नहीं थी जितनी हम आज हैं। उनका मूल देश भारत तब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व शक्ति बनने की दिशा में फल-फूल रहा था और अब 2028 तक जापान और जर्मनी की जगह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बेशक, भारत के मित्र जॉर्ज डब्ल्यू बुश के राष्ट्रपति रहते उस वक्त रिपब्लिकन संचालित व्हाइट हाउस में दिवाली का पहुंचना संभव था।
मैं बुश परिवार के करीब था क्योंकि मैं वरिष्ठ राष्ट्रपति जॉर्ज एच बुश के कुछ भारतीय समर्थकों में से एक था और मैंने उनके प्रतिष्ठित बेटे जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ दोस्ती जारी रखी। मेरे राज्य मिसिसिपी में मैं उनका सबसे बड़ा दाता था। इतना ही नहीं मैंने तत्कालीन गवर्नर हेली बारबोर के साथ राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को जैक्सन, मिसिसिपी में एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया और दोपहर के भोजन की मेजबानी की। यह अगस्त में राज्य की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक साबित हुई।
निःसंदेह, मेरे पास एक योजना थी। मेजबान समिति के सदस्य के रूप में राष्ट्रपति बुश के साथ एक बैठक के दौरान मैंने उन्हें एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। ज्ञापन में अनुरोध किया गया कि नवंबर में व्हाइट हाउस में पूरे धूमधाम और समारोह के साथ दिवाली उत्सव आयोजित किया जाए और इसमें भारतीय समुदाय को आमंत्रित किया जाए।
उस समय मुझे बेहद आश्चर्य हुआ जब वह तुरंत ही इसके लिए सहमत हो गए और कर्मचारियों को इस कार्यक्रम की मेजबानी करने का निर्देश दिया। यह व्हाइट हाउस में एक यादगार कार्यक्रम था और मेजबान समिति के सदस्य के रूप में मैंने दिवाली उत्सव की शुरुआत करने के लिए हिंदू पूजा सहित समारोहों का निरीक्षण किया।
राष्ट्रपति बुश ने राष्ट्रपति के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस में दिवाली समारोह की मेजबानी की। मुझे उनके प्रशासन में स्वास्थ्य और मानव सेवाओं में व्हाइट हाउस सलाहकार के रूप में सेवा करने का भी सम्मान मिला। सभी अमेरिकी राष्ट्रपतियों में से जॉर्ज डब्ल्यू बुश भारत के सबसे करीबी दोस्त थे। इसके कई कारण हैं, जैसे कि...
(लेखक को राष्ट्रपति डोनालड ट्रम्प द्वारा मानसिक स्वास्थ्य सेवा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में नियुक्त किया गया था और वे बाइडेन प्रशासन में भी इसी पद पर बने रहे)
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