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प्रमिला जयपाल ने निजी इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटरों के खिलाफ उठाई आवाज, सरकार से की ये मांग

भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि मैं लंबे समय से निजी फायदे के लिए चलाई जा रही इन जेलों में बंदियों से होने वाले बर्ताव को लेकर चिंतित रही हूं। मेरे कई साथी कांग्रेसी सदस्य भी इसे लेकर चिंतित हैं।

प्रमिला इमिग्रेशन इंटिग्रिटी, सिक्योरिटी और एनफोर्समेंट सबकमेटी की रैंकिंग मेंबर भी हैं। / X @PramilaJayapal

भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल (WA-07) ने प्राइवेट इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटरों में होने वाले मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ आवाज उठाई है और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के मंत्री से इन सेंटरों को बंद करने की मांग की है।  

प्रमिला जयपाल इमिग्रेशन इंटिग्रिटी, सिक्योरिटी और एनफोर्समेंट सबकमेटी की रैंकिंग मेंबर भी हैं। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में नॉर्थ वेस्ट इमिग्रेंट प्रोसेसिंग सेंटर (NWIPC) का निरीक्षण किया था। इसे पहले नॉर्थ वेस्ट डिटेंशन सेंटर कहा जाता था। इसके बाद उन्होंने DHS के सेक्रेटरी एलेजांद्रो मयोरकास को एक लेटर भेजा है। 

लेटर में उन्होंने सेक्रेटरी मयोरकास से आग्रह किया है कि इमिग्रेशन एंड कस्टम एन्फोर्समेंट (आईसीई)  विभाग द्वारा इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटरों का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए। आगामी सितंबर में NWIPC और GEO ग्रुप के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद इनकी सेवाएं नहीं ली जानी चाहिए। 

प्रमिला जयपाल ने कहा कि मैं लंबे समय से निजी फायदे के लिए चलाई जा रही इन जेलों में बंदियों से होने वाले बर्ताव को लेकर चिंतित रही हूं। मेरे कई साथी कांग्रेसी सदस्य भी इसे लेकर चिंतित हैं। प्रमिला ने आगे कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने खुद 2023 में कहा था कि कोई प्राइवेट जेल नहीं होनी चाहिए, कोई निजी डिटेंशन सेंटर नहीं होने चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि हमारे इमिग्रेशन सिस्टम में प्राइवेटजेलों का इस्तेमाल बढ़ गया है।

उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि पिछले साल जुलाई तक इमिग्रेशन डिटेंशन में रखे गए 90.8 प्रतिशत लोगों को इन्हीं प्राइवेट जेल कंपनियों के सेंटरों में रखा गया था जबकि 2020 में ये संख्या सिर्फ 81 प्रतिशत थी। दो सबसे बड़ी कंपनी GEO और CoreCivic ने केवल साल 2022 में ही ICE से एक बिलियन डॉलर और 552 मिलियन डॉलर की कमाई की है। 

नॉर्थ वेस्ट इमिग्रेंट प्रोसेसिंग सेंटर (NWIPC) पर कई आरोप लगते रहे हैं। अगस्त 2023 की एक रिपोर्ट में इस सेंटर पर कैदियों के मानवाधिकार हनन की कई घटनाओं के बारे में बताया गया था। फरवरी 2024 की रिपोर्ट बताती है NWIPC और अन्य इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर अपने यहां बंदियों को अक्सर संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 15 दिन की सीमा से अधिक एकांत कारावास में रखते हैं। यह यातना के समान है।

अप्रैल 2024 की रिपोर्ट में बताया गया था महज दस हफ्ते की अवधि के भीतर ही सेंटर से 911 पर 41 इमरजेंसी कॉल आई थीं। मार्च 2024 में चार्ल्स लियो डैनियल की 1,418 दिन एकांत कारावास में बिताने के बाद मौत हो गई थी। इतना ही नहीं, अप्रैल 2024 के बाद से 700 से अधिक कैदियों की शिकायतों के बाद उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वाशिंगटन स्वास्थ्य विभाग को अगस्त में मुकदमा दायर करना पड़ा था। 

जयपाल ने अपने पत्र में आगे कहा कि हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है कि सभी मनुष्यों के साथ गरिमापूर्ण और निष्पक्षता से व्यवहार हो। अमेरिकी सरकार इन प्राइवेट डिटेंशन सेंटरों पर करदाताओं की रकम का इस्तेमाल करती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये निजी जेल कंपनियों अपनी जिम्मेदारियों को सही से नहीं निभा रही हैं। ऐसे में इस समस्या का जल्द समाधान  करना जरूरी है। 

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