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ब्रूनेई की ऐतिहासिक यात्रा पर पीएम मोदी, एक्ट ईस्ट नीति को देंगे मजबूती

मोदी की यह यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ब्रुनेई यात्रा है। भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री की यह ऐतिहासिक यात्रा हो रही है।

ब्रूनेई की पहली यात्रा पर पहुंचे पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। / X @narendramodi

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ब्रुनेई की पहली यात्रा पर भव्य स्वागत किया गया। ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर पीएम मोदी आधिकारिक यात्रा पर बंदर सेरी बेगवान पहुंचे हैं।

पीआईबी से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री की यह ऐतिहासिक यात्रा हो रही है।

बंदर सेरी बेगवान पहुंचने पर प्रधानमंत्री का औपचारिक स्वागत किया गया। ब्रुनेई के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ मंत्री राजकुमार हाजी अल-मुहतादी बिल्लाह ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

ब्रुनेई भारत की एक्ट ईस्ट नीति और भारत-प्रशांत विजन में एक महत्वपूर्ण साझेदार है। भारत और ब्रुनेई के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं जो द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सम्मान और समझ पर आधारित हैं। दोनों देश एक सहस्राब्दी से चले आ रहे इतिहास, संस्कृति और परंपरा से जुड़े हुए हैं।

पीएम मोदी ने ब्रुनेई में भारतीय उच्चायोग के नए चांसरी परिसर का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत की। उन्होंने दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु के रूप में उनकी भूमिका तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान की सराहना की। 

ब्रुनेई में भारतीयों के आगमन का पहला चरण 1920 के दशक में तेल की खोज के साथ शुरू हुआ था। वर्तमान में लगभग 14,000 भारतीय ब्रुनेई में रह रहे हैं। ब्रुनेई के स्वास्थ्य देखभाल सेवा तथा शिक्षा क्षेत्रों के विकास में भारतीय डॉक्टरों तथा शिक्षकों के योगदान को अच्छी मान्यता मिली है।

इसके अलावा पीएम मोदी ने बंदर सेरी बेगवान में प्रतिष्ठित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया। ब्रुनेई के धार्मिक मामलों के मंत्री पेहिन दातो उस्ताज़ हाजी अवांग बदरुद्दीन ने उनका स्वागत किया। ब्रुनेई के स्वास्थ्य मंत्री दातो डॉ. हाजी मोहम्मद ईशाम भी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए भारतीय समुदाय के सदस्य भी वहां थे।

बता दें कि इस मस्जिद का नाम ब्रुनेई के 28वें सुल्तान (वर्तमान सुल्तान के पिता जिन्होंने इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया था) उमर अली सैफुद्दीन तृतीय के नाम पर रखा गया है और यह 1958 में बनकर तैयार हुई थी।

पीएम मोदी ने ब्रूनेई की प्रतिष्ठित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा करने भी गए। / X @narendramodi

ब्रुनेई की यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने बयान में कहा था कि मैं ब्रुनेई दारुस्सलाम की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर जा रहा हूं। मैं सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बैठकें करूंगा ताकि हम ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकें।

​पीएम मोदी ने कहा कि ब्रुनेई से 4 सितंबर को मैं सिंगापुर जाऊंगा। वहां राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली ह्सियन लूंग और एमेरिटस वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से मुलाकात होगी। सिंगापुर के व्यावसायिक समुदाय के नेताओं से भी मुलाक़ात करूंगा।

मोदी ने कहा कि दोनों देश हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण महत्वपूर्ण भागीदार हैं। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्राएं ब्रुनेई, सिंगापुर और वृहद आसियान क्षेत्र के साथ हमारी साझेदारी को और मजबूत करेंगी।

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