Login Popup Login SUBSCRIBE

ADVERTISEMENTs

मोदी-ट्रम्प की मुलाकात से भारत-अमेरिका संबंध होंगे और मजबूत: भारतीय-अमेरिकी समुदाय

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (78) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी (74) 12 और 13 फरवरी को अमेरिका के आधिकारिक कार्य दौरे पर जाएंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प / REUTERS/File Photo

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आगामी बैठक को लेकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय में उत्साह देखा जा रहा है। प्रमुख भारतीय-अमेरिकी हस्तियों का मानना है कि यह मुलाकात भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी और आने वाले चार वर्षों के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करेगी।

राष्ट्रपति ट्रम्प (78) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी (74) 12 और 13 फरवरी को अमेरिका के आधिकारिक कार्य दौरे पर जाएंगे। यह यात्रा ट्रम्प के 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी।

व्यक्तिगत संबंधों से बढ़ेगा द्विपक्षीय सहयोग
शिकागो में रहने वाले प्रमुख भारतीय-अमेरिकी डॉ. भरत बराई ने कहा कि मोदी और ट्रम्प के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंध हैं, जो ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान विकसित हुए थे। उन्होंने कहा, वे अपनी अच्छी मित्रता को और मजबूत करेंगे और विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बराई के अनुसार, राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के मात्र 30 दिनों के भीतर हो रही यह बैठक दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा देगी।

इसी तरह, सिलिकॉन वैली के प्रमुख निवेशक और इंडियास्पोरा के नेता एम.आर. रंगास्वामी ने भारत-अमेरिका संबंधों के तेजी से बढ़ते ग्राफ पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत-अमेरिका संबंध 45-डिग्री के कोण पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। अमेरिका का कोई भी राष्ट्रपति हो या भारत का कोई भी प्रधानमंत्री, यह संबंध और मजबूत ही होंगे।

रंगास्वामी ने यह भी कहा कि ट्रम्प द्वारा मोदी को प्रारंभिक द्विपक्षीय बैठकों में आमंत्रित किए जाने का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा, यह दिखाता है कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को कितनी प्राथमिकता देता है। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि यह बैठक इन रिश्तों को और प्रगाढ़ करेगी।

संबंधों में चुनौतियां भी संभव
हालांकि, रंगास्वामी ने यह भी स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच कुछ चुनौतियां भी आ सकती हैं। उन्होंने कहा, किसी भी रिश्ते में उतार-चढ़ाव होते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि दोनों देश इस साझेदारी को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अवैध अप्रवासियों की हालिया निर्वासन नीति को एक परिपक्व संबंध का उदाहरण बताया, जिसमें दोनों देश आपसी संवाद के जरिए समाधान निकाल सकते हैं।

डॉ. बराई ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि अवैध भारतीय अप्रवासियों की निर्वासन नीति बैठक के एजेंडे का हिस्सा हो सकती है। उन्होंने कहा, कोई भी देश अवैध अप्रवासियों को अनिश्चित काल तक नहीं रख सकता, चाहे वे भारत से हों, मैक्सिको से हों या किसी अन्य देश से। मुझे विश्वास है कि इस मुद्दे पर दोनों देश कोई बेहतर समाधान निकालेंगे।

रक्षा, व्यापार और आतंकवाद पर रणनीतिक साझेदारी
डॉ. बराई ने इस मुलाकात के दौरान रक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियान, खुफिया जानकारी साझा करने और वाणिज्य जैसे अहम मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यह यात्रा दोनों देशों के बीच पहले से मजबूत कार्य संबंधों को और सुदृढ़ करने में सहायक होगी।

वीएफएस ग्लोबल के अमेरिका प्रमुख अमित कुमार शर्मा ने भी भारत-अमेरिका संबंधों के अभूतपूर्व व्यापारिक और आर्थिक विकास की भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा, व्यापार जगत में सहयोग की अपार संभावनाएँ हैं। दोनों देशों की सरकारें और उद्योग जगत सतत विकास के लिए एक साझा दृष्टिकोण अपना रहे हैं।

शर्मा ने मोदी की इस यात्रा को भारत-अमेरिका साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मोड़ करार दिया। उन्होंने कहा, आगे देखते हुए, हमें 2025 और उसके बाद भी एक अत्यधिक गतिशील और समृद्ध भारत-अमेरिका सहयोग देखने को मिलेगा।

क्या होगा मोदी-ट्रम्प बैठक का प्रभाव?
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की यह बैठक भारतीय-अमेरिकी समुदाय को उम्मीदों से भर रही है। लोगों को विश्वास है कि यह मुलाकात मौजूदा संबंधों को और मजबूत करेगी और दुनिया की दो सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्तियों के बीच भविष्य के लिए एक स्पष्ट रणनीति तैयार करेगी।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related