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पन्नू मामले में निखिल गुप्ता की अर्जी पर कोर्ट ने अमेरिकी सरकार से मांगा जवाब

अमेरिकी जांच एजेंसी का आरोप है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता खालिस्तानी नेता पन्नू की हत्या की कथित साजिश में शामिल था। उसने एक भारतीय अधिकारी के कहने पर एक कॉन्ट्रैक्ट किलर से संपर्क किया था। हालांकि भारत सरकार इससे इनकार करती रही है।  

खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत सरकार ने आतंकी घोषित कर रखा है। / Facebook @gurupatwant pannun

अमेरिकी नागरिक एवं खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में गिरफ्तार भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता की याचिका पर न्यूयॉर्क की अदालत ने बाइडेन सरकार से जवाब तलब किया है। गुप्ता ने याचिका में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से संबंधित सबूतों की मांग की है। 

अमेरिकी जिला जज विक्टर मरेरो ने अपने आदेश में कहा है कि बचाव पक्ष के वकील ने अर्जी दाखिल करके मामले में सामने आए सबूतों को पेश करने का अनुरोध किया है। ऐसे में अदालत सरकार को आदेश देती है कि वह तीन दिनों के भीतर इस अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करे। 

सुनवाई के दौरान अमेरिकी सरकार की तरफ में कोर्ट में इस अर्जी पर आपत्ति जताई गई और कहा गया कि अदालत में निखिल गुप्ता को पेश किए जाने के बाद ही अमेरिकी सरकार कोई सबूत और जानकारी निखिल गुप्ता के वकील को दे सकती है। हालांकि कोर्ट ने तीन दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। 

अमेरिकी जांच एजेंसी का आरोप है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता खालिस्तानी नेता पन्नू की हत्या की कथित साजिश में शामिल था। उसने एक भारतीय अधिकारी के कहने पर एक कॉन्ट्रैक्ट किलर से संपर्क किया था, जो कि दरअसल सरकार का जासूस था। उसकी निशानदेही पर निखिल गुप्ता को जून में गिरफ्तार किया गया था। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक निखिल गुप्ता दिल्ली के कारोबारी हैं जिन्हें पिछले साल चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। गुप्ता पर कॉन्ट्रैक्ट किलर का आरोप है जिसमें 10 साल तक की जेल का नियम है। 

हालांकि इस मामले में भारत सरकार अपने किसी अधिकारी की संलिप्तता से इनकार करती रही है। भारत का कहना है कि वह तमाम आरोपों की जांच कर रहा है जो कि बेहद गंभीर हैं। उसने इस सिलसिले में एक समिति भी बनाई है।

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