अमेरिका से हुए समझौते के तहत मध्य अमेरिकी देश पनामा ने 130 भारतीयों को डिपोर्ट कर दिया है। ये भारतीय अवैध तरीके से दुर्गम डेरियन जंगल के रास्ते पनामा में घुसे थे।
इस सौदे के तहत अमेरिका के बाहर यह अपनी तरह का पहला निर्वासन था। अब तक कुल चार बार अवैध प्रवासियों को इस तरह डिपोर्ट किया जा चुका है। शुक्रवार के निर्वासन को मिलाकर पनामा दो सप्ताह में 219 प्रवासियों को निष्कासित कर चुका है।
Deportación hacia India de 130 migrantes que ingresaron de forma irregular por la selva de Darién. Este es el quinto vuelo, tercero financiado por Estados Unidos. #ConPasoFirme pic.twitter.com/FXSi1myCkY
— Ministerio de Seguridad Pública de Panamá (@MinSegPma) September 6, 2024
वाशिंगटन ने अपनी दक्षिणी सीमा पर अनियमित क्रॉसिंग को कम करने के उद्देश्य से मध्य अमेरिकी देश के साथ मिलकर प्रवासियों को भेजने का समझौता किया है। अमेरिका ने इस पर 6 मिलियन डॉलर खर्च करने का वादा किया है।
पनामा के इमिग्रेशन डाय़रेक्टर रोजर मोजिका ने संवाददाताओं को बताया कि इन 130 भारतीयों को अनियमित तरीके से देश में रहने के आरोप में निष्कासित करते हुए चार्टर्ड विमान से नई दिल्ली भेज दिया गया है।
मध्य अमेरिका के लिए अमेरिकी सुरक्षा अताशे मार्लेन पाइनिरो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वाशिंगटन इस सहयोग के लिए पनामा सरकार का बहुत आभारी है। हम किसी भी सूरत में अनियमित प्रवासन को जारी नहीं रहने दे सकते।
बता दें कि कोलंबिया और पनामा के बीच स्थित डेरियन जंगल दक्षिण अमेरिका से मध्य अमेरिका और मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचने वाले अवैध प्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण गलियारा बन चुका है।
ये रास्ता बेहद खतरनाक है। जंगली जानवरों के अलावा आपराधिक गिरोहों के हमलों का भी खतरा रहता है। इसके बावजूद 50 लाख से अधिक लोग पिछले साल डेरियन को पार करके अमेरिकी सीमा तक पहुंच गए थे। इनमें से ज्यादातर वेनेजुएला के नागरिक थे।
अमेरिका में इस साल चुनाव होने हैं और प्रवासन का मुद्दा काफी गर्म है। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए वाशिंगटन ने पनामा और मैक्सिको जैसे ट्रांजिट देशों पर दबाव बढ़ा दिया है।
अमेरिका और पनामा के बीच अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने का यह समझौता जुलाई में हुआ था। इसमें आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रवासियों को सबसे पहले निर्वासित करने का प्रावधान है। हालांकि यह समझौता खतरनाक डेरियन जंगल के रास्ते पनामा में घुसने वाले सभी लोगों को डिपोर्ट करने का भी अधिकार देता है।
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