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अमेरिका में 'हिंदूवादी वर्चस्व' के खिलाफ एकजुट हुए 100 संगठन, जारी किया बयान

संगठनों ने एक बयान में कहा कि हिंदुत्व या हिंदू राष्ट्रवाद एक राजनीतिक विचारधारा है, जिसे पहली बार 20वीं शताब्दी की शुरुआत में नाज़ीवाद, फासीवाद और अन्य नस्लीय विचारधाराओं के साथ व्यक्त किया गया था। अब यह अमेरिका के दूरदराज के इलाकों तक मजबूती से जड़ें जमा चुका है।

संगठनों ने अमेरिकी सरकार से लोकतांत्रिक और मानवीय अधिकारों को प्राथमिकता देने की अपील की है। / Image - Hindus for Human Rights

अमेरिका में हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्रवाद के उभार का विरोध करने के लिए कई संगठन एकजुट हो गए हैं। 100 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों ने संयुक्त घोषणापत्र जारी करके अमेरिका में हिंदू वर्चस्व के कथित खतरनाक उदय पर कड़ी चिंता जताई है।

संगठनों ने एक बयान में कहा कि हिंदुत्व या हिंदू राष्ट्रवाद एक राजनीतिक विचारधारा है, जिसे पहली बार 20वीं शताब्दी की शुरुआत में नाज़ीवाद, फासीवाद और अन्य नस्लीय विचारधाराओं के साथ व्यक्त किया गया था। अब यह अमेरिका के दूरदराज के इलाकों तक मजबूती से जड़ें जमा चुका है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदुत्ववाद का बढ़ता वर्चस्व भारत ही नहीं अमेरिका में भी लोकतंत्र, बहुलवाद और न्याय के मूलभूत सिद्धांतों के लिए खतरा बन चुका है।

इन संगठनों ने सवेरा नाम के संगठन के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है। दावा किया गया है कि सवेरा भारतीय-अमेरिकियों के बहुमत का सच्चा प्रतिनिधित्व करने वाला नया संयुक्त मोर्चा है। घोषणापत्र के मुताबिक, सवेरा ने सभी तरह की वर्चस्ववादी राजनीति का विरोध करने के लिए संगठनों और कार्यकर्ताओं के अंतरविश्वासी, बहुजातीय, जाति विरोधी गठबंधन को आकार दिया है। 

घोषणापत्र में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि हिंदुत्ववादी वर्चस्व मुस्लिम विरोधी भावनाओं को सुलगा रहा है। इसका इतिहास मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों, जाति-उत्पीड़ित समूहों और स्वदेशी लोगों के खिलाफ हिंसा के उदाहरणों से भरा हुआ है। 

उन्होंने आरोपों में कहा कि हिंदू वर्चस्ववादी आंदोलन न सिर्फ भारतीय, दक्षिण एशियाई और मुस्लिम अमेरिकियों के लिए हानिकारक है बल्कि यह हमारे सामूहिक मूल्यों के भी खिलाफ है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस वर्चस्ववादी राजनीति का विरोध करने वालों का साथ दें। हम हिंदुत्व के वर्चस्व का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इन संगठनों ने हिंदुत्व के वर्चस्व समेत सभी तरह की कथित नफरती और वर्चस्ववादी राजनीति को खारिज करने का संकल्प लिया है। उन्होंने इस्लामोफोबिया और जातिगत भेदभाव का मुकाबला करने के लिए भी एकजुटता दिखाई है। उनका कहना है कि हम मुस्लिम विरोधी नफरती भावनाओं को खत्म करने और अमेरिका में जातिगत भेदभाव पर लगाम के लिए आंदोलनों का समर्थन करते हैं।

 

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