यूरोप में भगवान शंकर के सबसे बड़े शिव मंदिरों में से एक का उद्घाटन आगामी 10 जून को होगा। करीब 5500 वर्ग मीटर एरिया में फैला ये शिव मंदिर एस्टोनिया की राजधानी तेलिन के पास लिलेओरू में स्थित है।
इस शिव मंदिर परियोजना को साकार करने में लिलेओरू स्थित क्रिया योग केंद्र के संस्थापक इंगवार विलिडो आचार्य ईश्वरानंद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ईश्वरानंद ने कहा कि यह शिव मंदिर सनातन धर्म की शाश्वत शिक्षाओं के प्रति हमारे समर्पण और महान ऋषियों व सिद्धपुरुषों के आशीर्वाद का परिणाम है।
इस मंदिर को आगम शिल्प शास्त्र के प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प सिद्धांतों के अनुरूप तैयार किया गया है। मंदिर का डिजाइन तमिलनाडु के शिल्प रत्न स्थबाधि धनबल मेइलवेल और मनिवेल मेइलवेल ने बनाया है। ये श्री थेनकानी पारंपरिक वास्तुकला हिंदू मंदिर निर्माण एवं मूर्तिकला समूह के सदस्य हैं। शिव मंदिर में भगवान श्री करपगा नाधर, मां ब्रह्माण्ड नयागी, गणपति, बाला मुरुगर, सप्त ऋषि, नवनाथ, 18 सिद्ध, नवग्रह और अन्य देवताओं की प्रतिमाएं भी हैं।
मंदिर की सप्ताह भर चलने वाली अभिषेक प्रक्रिया 4 जून को शुरू हो गई, जो 13 जून तक चलेगी। मुख्य कार्यक्रम 10 जून को होगा। शिव मंदिर प्रबंधन ने जारी बयान में बताया कि मंदिर का महाकुंभाभिषेकम समारोह आधिपद वेदु सोनासलम सिम्मासनम 32वें अधिनाम गायत्री गुरु बीदम के मुख्य पुजारी श्रील एस. बूपति शिवाचार्य स्वामीगल और पुजारी वेंकटेश जयराम के नेतृत्व में आयोजित किया जाएगा।
समारोह के दौरान पारंपरिक अनुष्ठान, प्रार्थनाएं एवं सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन किया जाएगा। इनमें भारत और यूरोप से सैकड़ों मेहमान आने की उम्मीद है। अभिषेक समारोह फेसबुक लाइव के जरिए भी प्रसारित किया जाएगा।
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