GEM ग्लोबल की हालिया (2023/24) रिपोर्ट के अनुसार व्यवसाय शुरू करने के लिए सर्वश्रेष्ठ देशों की रैंकिंग में शीर्ष पांच में से चार देश मध्य पूर्व या एशिया में हैं। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) लगातार तीसरे साल नंबर एक स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर भारत है। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर सऊदी अरब और चौथे तथा पांचवें नंबर पर लिथुआनिया और कतर हैं।
दरअसल, एक महीने पहले जारी एक स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय अकादमिक अध्ययन में व्यापक रूप से प्रचलित इन धारणाओं की वास्तविकता की जांच की गई थी कि क्या पश्चिमी अर्थव्यवस्थाएं- यूरोप और उत्तरी अमेरिका व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे अनुकूल हैं। लेकिन लंदन (यूके) मुख्यालय वाले ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप मॉनिटर (GEM ) द्वारा किए गए नवीनतम वार्षिक सर्वेक्षण के निष्कर्ष धारणाओं से अलग निकले।
GEM राष्ट्रीय देश टीमों का एक संघ है जो मुख्य रूप से शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों से जुड़ा हुआ है और दुनिया भर में उद्यमिता पर सर्वेक्षण-आधारित शोध करता है। इसी के अध्ययन से खुलासा हुआ है कि व्यवसाय शुरू करने के लिए पहले नंबर पर यूएई और दूसरे पर भारत है।
दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन इस लिस्ट में टॉप 10 में भी नहीं हैं। क्रमश: इनका नंबर 12वां, 16वां, 17वां और 22वां है। रैंकिंग हासिल करने के लिए 49 भाग लेने वाले देशों में से प्रत्येक में उद्यमिता विशेषज्ञों को 13 GEM एंटरप्रेन्योरियल फ्रेमवर्क शर्तों (EFC) जैसे सरकारी नीति, उद्यमशीलता वित्त तक पहुंच, कराधान, नौकरशाही, वाणिज्यिक, भौतिक और व्यावसायिक बुनियादी ढांचे आदि के बारे में एक स्कोर प्रदान करने के लिए कहा गया था।
GEM रिपोर्ट के 9 नामांकित सह-लेखकों में से एक डॉ. श्रीवास सहस्रनामम का कहना है कि यह रैंकिंग पिछले पांच वर्षों में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र की गुणवत्ता में एक स्पष्ट बदलाव को रेखांकित करती है। यब बदलाव पश्चिम से पूर्व की ओर है। सहस्रनामम वर्तमान में स्कॉटलैंड में ग्लासगो विश्वविद्यालय के एडम स्मिथ बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर हैं।
प्रो. सहस्रनामम ने स्पष्ट किया है कि पश्चिम से पूर्व की ओर यह शिफ्ट क्यों आया है। बकौल प्रो. श्रीवास व्यवसाय निर्माण को अधिक सरकारी प्रोत्साहन, उद्यमिता शिक्षा पर अधिक जोर और व्यावसायिक गतिविधियों को सांस्कृतिक रूप से देखने के कारण यह बदलाव आया है।
प्रो. श्रीवास कहते हैं कि उदाहरण के लिए संयुक्त अरब अमीरात में उद्यमियों और शीर्ष छात्रों के लिए विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल मुद्राओं और कोडिंग जैसे क्षेत्रों में प्राथमिकता वाले वीजा जैसी पहल की गई है और भारत में देश की नई शिक्षा नीति में नवाचार पर बहुत जोर दिया गया है। यह नीति शैक्षिक मानकों को बढ़ाने के लिए 2020 में
पेश की गई थी।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login