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भारतीय-अमेरिकी कारोबारी ने इसलिए कहा, मोदी का मुकाबला कोई नहीं कर सकता

शेनॉय ने कहा कि भारतीय चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो भविष्य के बारे में बात कर रहे हैं। वह टेक्नोलॉजी को कैसे लागू किया जाए, इसके तरीके पर बात कर रहे हैं। मोदी लीडरशीप की बातें कर रहे हैं।

अमेरिका के जाने-माने कारोबारी और समाजसेवी सुरेश शेनॉय ने पीएम मोदी की तारीफ की। / NIA

अमेरिका के जाने-माने कारोबारी और समाजसेवी सुरेश शेनॉय ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा और जोश का मुकाबला विपक्ष में कोई नहीं कर सकता। भारत में चल रहे आम चुनावों के बीच भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर ने ये बातें न्यू इंडिया अब्रॉड से बात करते हुए कहीं।

शेनॉय ने कहा कि मुझे लगता है कि भारतीय चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो भविष्य के बारे में बात कर रहे हैं। वह टेक्नोलॉजी को कैसे लागू किया जाए, इसके तरीके पर बात कर रहे हैं। शेनॉय ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत और अमेरिका दोनों में आम मतदाता लंबी अवधि की चुनौतियों और अवसरों के बजाय तात्कालिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

अगर आप बड़े लीडर हैं तो आपको 10 साल बाद की तस्वीर पेश करने में सक्षम होना चाहिए। जबकि भारतीय राजनीति में अन्य (विपक्ष) कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि वे खुद ही ठोकर खा रहे हैं। क्योंकि वे (विपक्षी नेता) पीएम मोदी का मुकाबला करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'वह (मोदी) बताते हैं कि अब से चार साल बाद या आठ साल बाद जीवन कैसा होने वाला है। वह लीडरशिप के बारे में बात कर रहे हैं, न केवल पार्टी के, बल्कि राष्ट्रीय नेतृत्व के बारे में।

शेनॉय ने कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका में लोगों ने कितने ऐसे राजनीतिक भाषण सुने हैं जो 2020, 2028 या 2032 में जीवन के बारे में बात करते हैं? उन्होंने कहा 'बहुत कम। वे आज क्या हो रहा है, इस बारे में बात कर रहे हैं'। शेनॉय ने भारत को 'अवसरों का भंडार' कहा, क्योंकि इसकी बड़ी और बढ़ती आबादी देश के अंदर और दुनिया के लोगों के लिए आर्थिक तरक्की के ढेर सारे मौके पैदा करती हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में भारत ने आर्थिक मोर्चे पर जो कामयाबी हासिल की है, वो अद्भुत है। आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। फिर भी भारत में 80 करोड़ ऐसे लोग हैं जिन्हें अच्छी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। जो इसकी तलाश में हैं। लेकिन उनकी आकांक्षाएं वैसी ही हैं जैसी शहरी लोगों की होती हैं।

शेनॉय ने कहा कि भारत में बहुत सारे युवा लोग हैं, जो दुनिया भर में घर पर बीमारों की देखभाल करने वालों की कमी को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका को ऐसे कानून बनाने चाहिए जिससे होनहार लोग, जैसे डॉक्टर और नर्स, यहां आकर काम कर सकें। अलग-अलग क्षेत्रों की जरूरतें पूरी कर सकें, जिसमें हेल्थकेयर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आपको दोनों की जरूरत है। ऐसे होनहार लोग जो नई टेक्नोलॉजी का निर्माण कर रहे हैं। इसके साथ ही ऐसे लोग भी चाहिए जो ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और संतरा उगाकर खाने की जरूरतें पूरी करें।

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