व्हाइट हाउस की शीर्ष सलाहकार परिषद की अगुआई करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन ने सभी अमेरिकियों को समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए सांसदों का आह्वान किया है।
इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट के Desis Decide इवेंट में बोलते हुए अमेरिका की घरेलू नीति परिषद की निदेशक नीरा टंडन ने राजनीति और सरकार में भारतीय अमेरिकियों के बढ़ते प्रतिनिधित्व की सराहना की। टंडन ने व्हाइट हाउस से लेकर वर्तमान भूमिका तक के अपने सफर को भी याद किया।
श्रोताओं से खचाखच भरे कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुझे आज यहां मौजूद लोगों को देखकर काफी खुशी हो रही हैं। कुछ दशक पहले जब मैंने अपनी शुरुआत की थी, तब राजनीति, प्रशासन या फिर सरकार में उतने भारतीय अमेरिकी नहीं हुआ करते थे। इस लिहाज से मैं कह सकती हूं कि मैं यहां मौजूद सभी लोगों के योगदान और देशवासियों के लिए उनके कार्यों के प्रति आभारी हूं।
एशियन अमेरिकन एंड नेटिव हवाईयन पैसिफिक आइलैंडर (AANHPI) हेरिटेज मंथ के अवसर पर टंडन ने बताया कि किस तरह उनका कार्यालय और उनका प्रशासन समुदाय के सदस्यों को आर्थिक अवसर और सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने एशियाई अमेरिकियों के बीच ऐतिहासिक रूप से बेरोजगारी की कम दर और छोटे व्यापारियों द्वारा AANHPI के कारोबारों में अभूतपूर्व निवेश का भी जिक्र किया, जिसकी वजह से पिछली सरकार के कार्यकाल की तुलना में इस बार 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल एवं आर्थिक विकास के बीच खास संबंध है। हमने स्कूलों में ऐतिहासिक निवेश किया है और कॉलेज को ज्यादा किफायती बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
टंडन ने देश के मौजूदा राजनीतिक माहौल और तेजी से बढ़ते ध्रुवीकरण पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये चर्चा अक्सर राष्ट्र की पहचान और समावेशिता के बुनियादी सवालों पर केंद्रित रहती है। इमिग्रेशन को लेकर छिड़ी विवादास्पद बहस और उसके अमेरिकी लोकतंत्र के लिए व्यापक निहितार्थ की तरफ ओर इशारा करते हुए टंडन ने कहा कि सवाल उठता है कि क्या ये वाकई हम सभी के लिए है या हम में से सिर्फ कुछ लोगों के लिए है?
टंडन ने अमेरिका में अपने सफर और अवसरों के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले कई दशकों में मेरा अनुभव रहा है कि यहां अवसरों में लगातार विस्तार हो रहा है। हालांकि आगामी पीढ़ियों को भविष्य में और भी ज्यादा अवसर मिलें, ये सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सांसदों की है।
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