अमेरिका के प्रिंसिपल डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रहे नील कत्याल को फोर्ब्स मैगजीन ने अमेरिका के टॉप-200 वकीलों में शुमार किया है। वैश्विक कानूनी फर्म होगन लोवेल्स ने कात्याल की इस उपलब्धि पर खुशी जताई है। कात्याल इसी फर्म में पार्टनर हैं। फोर्ब्स की इस लिस्ट में दो अन्य भारतीय अमेरिकी भी हैं।
52 वर्षीय नील कात्याल को कानून के क्षेत्र में 29 वर्षों का अनुभव है। उन्हें संवैधानिक मामलों में महारत हासिल है। उनका कानूनी अनुभव संवैधानिक, टेक्नोलोजी, कॉर्पोरेट, पेटेंट, प्रतिभूतियों, आपराधिक, रोजगार और आदिवासी कानून समेत विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है।
वह अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के सामने 50 से अधिक मामलों में बहस कर चुके हैं। कात्याल की 1965 के वोटिंग राइट्स एक्ट की संवैधानिकता से जुड़े केस और 2023 में उत्तरी कैरोलिना के गेरीमैंडरिंग में वोटिंग राइट्स संबंधी मामले में जीत में भी अहम भूमिका रही है। जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या मामले में उन्होंने मिनेसोटा राज्य के स्पेशल प्रॉसिक्यूटर की भूमिका निभाई थी।
होगन लोवेल्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बधाई देते हुए लिखा कि पार्टनर नील कात्याल को बहुत बहुत बधाई, जिन्हें फोर्ब्स ने अमेरिका के शीर्ष 200 वकीलों में शामिल किया है। यह लिस्ट बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड वाले ऐसे कानूनी विशेषज्ञों की उपलब्धियों को मान्यता देती है, जिनका उनके सहयोगी और क्लाइंट भी सम्मान करते हैं।
भारतीय-अमेरिकी नील कत्याल अपीलीय मामलों और जटिल मुकदमेबाजी में विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध हैं। दिसंबर 2017 में अमेरिकन लॉयरर मैगजीन ने उन्हें द लिटिगेटर ऑफ द इयर नेशनवाइड के रूप में नामित किया था। होगन लोवेल्स में शामिल होने से पहले कात्याल ने अमेरिका के कार्यवाहक सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया था।
कात्याल को अमेरिकी न्याय विभाग से प्रतिष्ठित एडमंड रैंडोल्फ पुरस्कार भी मिल चुका है। अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश उन्हें संघीय अपीलीय नियमों पर सलाहकार समिति में नियुक्त कर चुके हैं। कानूनी करियर के अलावा कात्याल टेलीविजन शो में भी नजर आ चुके हैं। फिलहाल वह न्यूयॉर्क के डार्टमाउथ कॉलेज और व्हिटनी संग्रहालय के ट्रस्टी भी हैं।
ये दो भारतवंशी भी लिस्ट में
फोर्ब्स की वर्ष 2024 के लिए अमेरिका के टॉप 2024 वकीलों की सूची में न्यूयॉर्क के प्रोस्काउर रोज में पार्टनर मोनिका अरोड़ा और सिएटल की डेविस राइट ट्रेमाइन में पार्टनर अंबिका कुमार भी शामिल हैं। अरोड़ा प्रोस्काउर में प्राइवेट फंड्स ग्रुप का नेतृत्व करती हैं। वह एसेट मैनेजरों को बायआउट से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े फंड पर सलाह भी देती हैं।
अंबिका कुमार डेविस राइट ट्रेमाइन के मीडिया प्रैक्टिस की को-चेयर हैं। उन्हें कंटेंट लायबिलिटी और इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेसी में महारत हासिल हैं। वह फ्री स्पीच, कम्युनिकेशन डीसेंसी एक्ट की विशेषज्ञ हैं। वह फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसे ग्राहकों को मानहानि, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क से जुड़े मामलों पर सलाह भी देती हैं।
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