इंडियन अमेरिकन इंपैक्ट फंड (IAIF) का 2024 का पोस्टकार्ड प्रोग्राम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। 25,000 से ज्यादा पोस्टकार्ड अहम चुनावी राज्यों में दक्षिण एशियाई वोटर्स को भेजे गए हैं। इस पहल का उद्देश्य दक्षिण एशियाई कलाकारों द्वारा खूबसूरती से डिजाइन किए गए इन व्यक्तिगत पोस्टकार्ड के माध्यम से मतदाताओं से जुड़कर वोटिंग परसेंटेज को बढ़ावा देना है।
संगठन ने Facebook पर अपने पोस्ट में स्वयंसेवकों का धन्यवाद किया है, जिन्होंने पोस्टकार्ड लिखने के कार्यक्रम में भाग लेकर, पत्रों पर टिकट लगाकर और उन्हें डाक से भेजकर इस काम में मदद की। संगठन ने पोस्ट में लिखा, 'हमारे अविश्वसनीय स्वयंसेवकों के लिए हार्दिक धन्यवाद, जिन्होंने इन पत्रों को लिखने, पोस्टकार्ड पार्टियों की मेजबानी करने, टिकट लगाने और डाक से भेजने के लिए अपने अनगिनत घंटे समर्पित किए।'
अभियान में रोनिता चौधरी वेड, अंजलि चंद्रशेखर और सोना एन सूद सहित कलाकारों ने पोस्टकार्ड डिजाइन करने में अपनी रचनात्मकता का योगदान दिया, जिसमें 'हम होंगे कमलायाब' और 'लोटस फॉर पोटस' जैसे देसी नारे शामिल थे।
इस पहल के माध्यम से इंडियन अमेरिकन इंपैक्ट फंड ने 'They See Blue' के साथ अपनी साझेदारी का भी जिक्र किया। यह एक ग्रास रूट संगठन है जिसका मकसद दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों को डेमोक्रेट्स के लिए वोट करने के लिए जोड़ना है। इस साझेदारी से इस कार्यक्रम का दायरा और भी बढ़ा है और अब यह बड़ी तादाद में दक्षिण एशियाई वोटर्स तक पहुंच पा रहा है।
यह पहल शुरू में स्वतंत्रता दिवस पर शुरू की गई थी, जो प्रतिनिधित्व के लिए चल रहे संघर्ष और स्वतंत्रता की लड़ाई के बीच समानताएं खींचती है। पोस्टकार्ड कार्यक्रम को 2024 के चुनावों से पहले ऐतिहासिक रूप से कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों को जुटाने के संगठन के बड़े प्रयासों के हिस्से के रूप में पेश किया गया था।
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