भारत ने कनाडा के साथ बिगड़े संबंधों के बीच गुरुवार एक और बड़ा कदम उठाया। टोरंटो स्थित भारतीय दूतावास ने कई कॉन्सुलर कैंप को रद्द करने की सूचना दी है और इसके लिए कनाडाई प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। कैंप रद्द होने से भारतीय प्रवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
टोरंटो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कम्युनिटी कैंपों के आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जताने के बाद वाणिज्य दूतावास ने कुछ कॉन्सुलर कैंपों का आयोजन रद्द करने का फैसला किया है।
In view of the security agencies conveying their inability to provide minimum security protection to the community camp organizers, Consulate has decided to cancel some of the scheduled consular camps.@HCI_Ottawa @MEAIndia
— IndiainToronto (@IndiainToronto) November 7, 2024
यह फैसला कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में भारतीय राजनयिकों द्वारा हिंदू सभा मंदिर परिसर में आयोजित कॉन्सुलर कैंप में मौजूद भारतीय समुदाय को लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से हमला किए जाने के बाद लिया गया है। इसके वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने भी निंदा की थी।
कॉन्सुलर कैंपों का आयोजन रद्द किए जाने पर टिप्पणी करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नई दिल्ली में नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारतीय समुदाय के अनुरोध पर नियमित रूप से दूतावास कैंपों का आयोजन किया जाता है। नवंबर और दिसंबर में इन कैंपों में विशेष भीड़ होती है क्योंकि बहुत से नागरिकों को अगले वर्ष अपने पेंशन भुगतान की प्रक्रिया पूरी के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास से सत्यापित जीवन प्रमाण पत्र की जरूरत होती है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि वैंकूवर सहित कुछ शहरों में कॉन्सुलर कैंप निर्धारित समय पर आयोजित होंगे, लेकिन कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग एवं वाणिज्य दूतावासों के विशेष अनुरोधों के बावजूद कुछ कैंपों खासकर टोरंटो एरिया में पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है। इसके बाद कुछ कैंपों का आयोजन रद्द करने का फैसला लिया गया है।
प्रवक्ता जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले एक साल में कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर खतरा बढ़ा है। हमने भारतीय राजनयिकों को धमकाने, प्रताड़ित करने और हमले की घटनाएं देखी हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय राजनयिकों पर नजर भी रखी जा रही है जो पूरी तरह अस्वीकार्य है। हमने यह मुद्दा कनाडा सरकार के सामने भी उठाया।
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