अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अब ज्यादा दिन बाकी नहीं है। इस बीच लगातार आ रहे चुनावी सर्वे में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कड़ी टक्कर का अनुमान लगाया जा रहा है। कुछ ऐसा ही अमेरिका के सबसे अमीर निवेशकों के मामले में भी है। एक सर्वे में दावा किया गया है कि चुनावी रंग देखकर अमीर निवेशक भी अपना पाला बदल रहे हैं।
यूबीएस की तरफ से अमेरिकी निवेशकों पर कराए गए एक सर्वे में चौंकाने वाला ये खुलासा हुआ है कि 77 फीसदी निवेशक अपनी चुनावी प्रतिबद्धताओं में बदलाव पर विचार कर रहे हैं। मतलब पहले वो जिस उम्मीदवार के प्रति अपना समर्थन दिखा रहे थे, अब उससे अलग प्रत्याशी की तरफ झुकाव दिखा रहे हैं।
सर्वे के मुताबिक, 84 फीसदी इन्वेस्टर्स का मानना है कि इस चुनाव में अर्थव्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रहने वाला है। हालांकि उनमें इस सवाल पर एकराय नहीं है कि अमेरिकी इकोनमी को अच्छी तरह संभालने के दमखम हैरिस में ज्यादा है या फिर ट्रम्प में। दावा किया गया है कि सर्वे में जवाब देने वाले निवेशकों में से 51 फीसदी मानते हैं कि ट्रम्प ज्यादा बेहतर तरीके से इकोनमी को हैंडल कर सकते हैं। वहीं कमला हैरिस के लिए ऐसा मानने वालों की संख्या 49 फीसदी है।
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर ट्रम्प की वकालत करने वाले निवेशकों ने अपनी ये राय रिपब्लिकन प्रत्याशी की टैक्स अप्रोच, बिजनेस संबंधी नियमों में कटौती और इमिग्रेशन पॉलिसी के आधार पर बनाई है। वहीं हैरिस का समर्थन करने वाले निवेशकों ने मिडिल क्लास, हेल्थकेयर, ग्रीन एनर्जी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आजादी जैसे मुद्दों का हवाला दिया है।
सर्वे में शामिल अधिकतर निवेशकों का कहना था कि हैरिस की नीतियों से हेल्थकेयर, मटीरियल्स, सस्टेनेबल इन्वेस्टिंग और टेक कंपनियां को फायदा हो सकता है। वहीं ट्रम्प राष्ट्रपति बनते हैं तो डिफेंस, एनर्जी और इंडस्ट्रीज जैसे सेक्टरों को लाभ हो सकता है।
हालांकि यूबीएस ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट के सीनियर पोर्टफोलियो मैनेजर जैसन काट्स का कहना है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था आगे क्या रूप लेगी, ये सिर्फ जीतने वाले उम्मीदवार पर तय नहीं करेगा बल्कि इस बात पर भी निर्भर करेगा कि कांग्रेस में पार्टियों की क्या स्थिति रहती है।
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