प्यू के एक सर्वेक्षण में भारत को लेकर हैरान करने वाला दावा किया गया है। सर्वे के मुताबिक भारत में निरंकुशता का समर्थन करने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक (67%) है। सर्वे के मुताबिक 72% भारतीय सैन्य शासन के विचार का समर्थन करते हैं।
सर्वेक्षण में पाया गया कि इसमें शामिल 24 देशों में से भारत निरंकुशता और सैन्य नियंत्रण के पक्ष में सबसे आगे है। रिपोर्ट का शीर्षक है- प्रतिनिधि लोकतंत्र एक लोकप्रिय आदर्श बना हुआ है, लेकिन दुनिया भर के लोग इसके काम करने के तरीके की आलोचना कर रहे हैं।
सर्वे में 24 देशों के लोगों से सरकार के कई रूपों, जैसे निरंकुश, तकनीकी शासन, सैन्य शासन, प्रतिनिधि लोकतंत्र और प्रत्यक्ष लोकतंत्र के बारे में पूछताछ की गई थी। प्यू रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल 67 प्रतिशत भारतीयों ने अधिनायकवाद के प्रति समर्थन व्यक्त किया। इससे पहले 2017 में यह आंकड़ा 55 फीसदी पर था।
प्यू ने जिन देशों के बीच सर्वे किया उनमें भारत सत्तावाद का समर्थन करने वाले लोगों की सबसे बड़ी संख्या के रूप में सामने आया है। इसकी तुलना में 52 प्रतिशत केन्याई और 51 प्रतिशत इंडोनेशियाई लोग अधिनायकवाद के पक्ष में दिखे। सर्वे में शामिल लोगों से एक ऐसी प्रणाली की कल्पना करने के लिए कहा गया था जिसमें एक स्वतंत्र न्यायपालिका और प्रतिनिधि निकाय एक मजबूत नेता द्वारा लिए गए निर्णयों में हस्तक्षेप न करें।
सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश देशों के लोगों ने सामान्य रूप से निरंकुशता के प्रति घृणा व्यक्त की। सर्वेक्षण में अमेरिका (26 प्रतिशत), कनाडा (19 प्रतिशत) और यूके (13 प्रतिशत) के लोग भी शामिल थे। अध्ययन में यह भी पाया गया कि कम लोग मानते हैं कि प्रति व्यक्ति उच्च सकल घरेलू उत्पाद वाले देशों में प्रबंधन के लिए मजबूत नेतृत्व एक अच्छा तरीका है।
सर्वेक्षण के अनुसार 72 प्रतिशत भारतीय सैन्य शासन का समर्थन करते हैं, जो किसी भी देश का सबसे बड़ा प्रतिशत है। हालांकि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक देशों में बहुमत की राय यह है कि यह शासन करने का एक बहुत ही भयानक तरीका होगा। भारत में 68 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि यदि महिलाएं अधिक निर्वाचित होंगी तो उनके देश की नीतियों में सुधार होगा।
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