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अमेरिका में अंधेपन के इलाज में जुटी कंपनी में ये भारतवंशी संभालेंगे अहम जिम्मेदारी

ऑप्थाल्मिक बायो फार्मास्यूटिकल्स कंपनी ओक्यूफायर फार्मा में डॉ. ऐश जयगोपाल चीफ साइंटिस्ट व डेवलपमेंट ऑफिसर का पद संभालेंगे जबकि नीरव झावेरी को चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की जिम्मेदारी सौपी गई है।

डॉ. ऐश जयगोपाल (बाएं) और नीरव झावेरी। / Image: LinkedIn

भारतीय मूल के दो अमेरिकियों को मिशिगन की क्लिनिकल स्टेज ऑप्थाल्मिक बायो फार्मास्युटिकल कंपनी ओक्यूफायर फार्मा ने प्रमुख पदों पर नियुक्त किया है। इनमें डॉ. ऐश जयगोपाल को चीफ साइंटिस्ट व डेवलपमेंट ऑफिसर बनाया गया है जबकि नीरव झावेरी को चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की जिम्मेदारी दी गई है।

डॉ. जयगोपाल ने अपनी नियुक्ति पर कहा कि दवाओं के विकास में ओक्यूफायर का सफल ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। मैं इस टीम का हिस्सा बनने को लेकर काफी उत्साहित हूं। मेरे लिए ओक्यूफायर में यह एक रोमांचक मोड़ है क्योंकि कंपनी डायबिटिक रेटिनोपैथी के इलाज की दिशा में अच्छा काम कर रही है।

झावेरी ने कहा कि मैं ऐसी कंपनी से जुड़ने को लेकर रोमांचित हूं जो आंखों की दवाओं के विकास में अग्रणी बनने की क्षमता रखती है। ओक्यूफायर ने नेत्र रोगों के इलाज में खालीपन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं कंपनी को विकास के अगले चरण तक ले जाने में मदद करके इसकी सफलता में योगदान देने के लिए उत्सुक हूं।

कंपनी के सीईओ जॉर्ज मैग्राथ ने कहा कि ऐश और नीरव हमारे पोर्टफोलियो में APX3330 और इसके एनालॉग कंपाउंड्स की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं जिसकी शुरुआत डायबिटिक रेटिनोपैथी में हमारे थर्ड फेज के प्रोग्राम से होती है। अब हमारी टीम अमेरिका में अंधेपन की प्रमुख वजह डायबिटिक रेटिनोपैथी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए हमारे वैज्ञानिक खोजों को वास्तविकता में बदलने के लिए तीसरे चरण के कार्यक्रम पर अमल के लिए तैयार है। मैं इस प्रतिभाशाली टीम के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं।

डॉ ऐश जयगोपाल के बारे में बताएं तो उन्हें बायो इंजीनियरिंग में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह रेटिना से संबंधित रोगों के इलाज के विकास में कई रिसर्च टीमों की अगुआई कर चुके हैं। ओक्यूफायर में शामिल होने से पहले वह ओपस जेनेटिक्स, कोडियाक साइंसेज और रोश जैसी कंपनियों में सेवाए दे चुके हैं। उन्होंने वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। साथ ही इंडियाना यूनिवर्सिटी के केली स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए भी किया है। 

डॉ जयगोपाल एसोसिएशन फॉर रिसर्च इन विजन एंड ओप्थाल्मोलॉजी (एआरवीओ) के फेलो रहे हैं। साथ ही एसोसिएशन फॉर ओकुलर फार्माकोलॉजी एंड थेरेप्यूटिक्स (एओपीटी) के फेलो और अध्यक्ष भी हैं। वह फाउंडेशन फाइटिंग ब्लाइंडनेस की इनोवेशन एडवाइजरी काउंसिल और जर्नल ऑफ ओकुलर फार्माकोलॉजी एंड थेरेप्यूटिक्स के संपादकीय बोर्ड में भी रहे हैं।

नीरव झावेरी के पास बायोफार्मा इंडस्ट्री में वैल्यूएशन, बिजनेस डेवलपमेंट और कैपिटल मार्केट में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। ओक्यूफायर में शामिल होने से पहले वह इंसिलिको मेडिसिन, जर्नी मेडिकल कॉर्पोरेशन और फोर्ट्रेस बायोटेक में रह चुके हैं। 

नीरज ने सिटीग्रुप में इक्विटी रिसर्च और बैंक ऑफ अमेरिका में निवेश बैंकिंग सहित कई वित्तीय भूमिकाएं निभाई हैं। चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए) झावेरी ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है। उसके बाद उन्होंने पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री और इकनोमिक्स में स्नातक की डिग्री ली है।

 

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