खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर नए आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीति संबंध सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं। गुरुवार को कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने ऑस्ट्रेलिया मीडिया संस्थान को सिर्फ इसलिए बैन कर दिया क्योंकि चैनल ने अपने यहां भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रेस कांफ्रेंस दिखाई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ने कनाडा के इस ऐक्शन की कड़ी शब्दों में निंदा की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि ऑस्ट्रेलिया टुडे के खिलाफ जस्टिन ट्रूडो सरकार की कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड की बू आती है। जायसवाल ने कहा, "हम समझते हैं कि इस विशेष आउटलेट के सोशल मीडिया हैंडल, पेज, जो महत्वपूर्ण प्रवासी आउटलेट हैं, को ब्लॉक कर दिया गया है और यह कनाडा में दर्शकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। यह इस विशेष हैंडल द्वारा पेनी वोंग के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रकाशित करने के एक घंटे या कुछ घंटों बाद ही हुआ।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें आश्चर्य हुआ। यह हमें अजीब लगता है। लेकिन फिर भी, मैं यही कहता हूं कि ये ऐसी हरकतें हैं जो एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर करती हैं।"
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया टुडे ने जयशंकर का साक्षात्कार भी किया था जो देश की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। जयशंकर ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा, "आपने देखा होगा कि जयशंकर ने अपने मीडिया कार्यक्रमों में तीन चीजों के बारे में बात की। एक यह कि कनाडा आरोप लगा रहा है और बिना किसी विशेष सबूत के एक पैटर्न विकसित हो गया है।"
जायसवाल ने यह भी कहा कि जयशंकर ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों की निगरानी और कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को दी जा रही राजनीतिक जगह के मुद्दे पर भी बात की थी। उन्होंने कहा, "इसलिए आप इससे यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया टुडे चैनल को क्यों ब्लॉक किया।"
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