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भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का एक साल पूरा, कहा- ढेर सारी हैं उपलब्धियां

अपने संदेश में गार्सेटी ने कहा कि पिछले 76 वर्षों में शायद 2023 हमारे पूरे इतिहास में सबसे अधिक उत्पादक वर्ष था। बहुत सारे समझौतों, ढेर सारी कागजी कार्रवाई, ढेर सारी देसी कड़क चाय और झोली में ढेर सारी उपलब्धियां हैं।

गार्सेटी ने पिछले वर्ष को अभूतपूर्व रूप से उत्पादक और उपलब्धियों भरा बताया। / X@USAmbIndia

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस मौके पर अपने एक चिंतनशील संबोधन में एरिक गार्सेटी ने पिछले वर्ष को अभूतपूर्व रूप से उत्पादक और उपलब्धियों भरा बताया। एक वीडियो संदेश में गार्सेटी ने अपने कार्यकाल की मुख्य बातें साझा कीं जिनमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में हुई प्रगति को खास तौर पर रेखांकित किया गया। 

अपने संदेश में गार्सेटी ने कहा कि पिछले 76 वर्षों में शायद 2023 हमारे पूरे इतिहास में सबसे अधिक उत्पादक वर्ष था। बहुत सारे समझौतों, ढेर सारी कागजी कार्रवाई, ढेर सारी देसी कड़क चाय और झोली में ढेर सारी उपलब्धियां हैं। बीते एक वर्ष पर विचार करते हुए गार्सेटी ने अपने अनुभव को 'कूटनीति और गहरी होती दोस्ती की एक बड़ी आंधी' बताया। उन्होंने जीवंत संस्कृतियों में डूब जाने और अमेरिका-भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने की यात्रा पर प्रकाश डाला।



राजदूत गार्सेटी ने 22 से अधिक भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की यात्राओं का जिक्र करते हुए अपने राजनयिक प्रयासों का विस्तृत विवरण दिया जिससे दोनों देशों के व्यापार संबंधों और सैन्य सहयोग को बढ़ावा मिला। उन्होंने टैरिफ कम करने और दोनों देशों के बीच लगभग 200 अरब डॉलर का व्यापार हासिल करने के महत्व को रेखांकित किया।

गार्सेटी ने NISAR उपग्रह के लिए नासा और इसरो के बीच संयुक्त प्रयासों पर जोर देते हुए अंतरिक्ष सहयोग में प्रगति का भी जश्न मनाया। उन्होंने जलवायु लचीलेपन और चिकित्सा नवाचार के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा में पहल की सराहना की।

गार्सेटी के अनुसार वीजा सुधार उनके कार्यकाल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। उन्होंने वीजा प्रोसेसिंग में महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि प्रतीक्षा समय में 75 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अतिरिक्त जारी किए गए वीजा की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। बकौल गार्सेटी इसमें 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इन सुधारों ने न केवल दोनों देशों के बीच सुगम यात्रा की सुविधा प्रदान की बल्कि भारतीयों को दुनिया भर में छात्रों के प्रमुख स्रोत के रूप में स्थापित किया।

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