अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के दो सदस्यों ने हिंद महासागर क्षेत्र में अमेरिका की रणनीतिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए 14 मई को एक कानून का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस सदस्य डेरेल इस्सा और जोक्विन कास्त्रो ने क्षेत्र में समन्वित क्षेत्रीय सैन्य, राजनयिक और विकास पहलों के लिए एक बहु-वर्षीय रणनीति और कार्यान्वयन योजना के विकास को अनिवार्य करने के लिए कानून पेश किया है।
कास्त्रो ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी भागीदारी को बढ़ाया है। ऐसे में हम हिंद महासागर क्षेत्र के महत्व को नजरअंदाज नहीं कर सकते। दुनिया की लगभग 40% आबादी का घर और तीन महाद्वीपों तक फैला हिंद महासागर क्षेत्र आर्थिक विकास और नवाचार का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। मुझे हिंद महासागर रणनीतिक समीक्षा अधिनियम पेश करते हुए खुशी हो रही है, जो हिंद महासागर क्षेत्र और दुनिया के लिए एक स्वतंत्र, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए हमारे सहयोगियों और भागीदारों के साथ अमेरिकी कूटनीति, रक्षा और विकास समन्वय को सुव्यवस्थित करेगा।
प्रस्तावित कानून की एक प्रति कास्त्रो की वेबसाइट पर जारी की गई थी जिसमें कूटनीति और विकास प्राथमिकताओं, संयुक्त सेना के संबंध में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया (आमतौर पर 'क्वाड' देश) के बीच अब तक के संयुक्त समन्वय का आकलन करने के लिए कहा गया है।
प्रस्तावित कानून में नाटो सहयोगियों फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ सहयोग को बढ़ावा देने का भी उल्लेख किया गया था। इस्सा ने कानून में निर्दिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद के लिए 'चीन की आक्रामकता' का मुकाबला करने की भी बात कही है।
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