आपने अक्सर अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय के बीच होने वाली शादी को लेकर धोखाधड़ी की खबरें सुनी होंगी। ऐसी फ्रॉड शादियों को लेकर कई लोग चिंता जता रहे थे। क्योंकि ऐसी शादियों में गलत वायदे किए जा रहे हैं और गुमराह करने वाली बातें होती हैं। और इसका खामियाजा खास तौर पर भारत की युवतियों और उनके परिवार को को भुगतना पड़ता है। इस तरह की शादियों के कारण भारतीयों को वित्तीय और कानूनी प्रक्रिया के कारण परेशान होना पड़ता है।
एनआरआई द्वारा भारतीय महिलाओं से शादी करने और महीनों बाद उन्हें छोड़ने की धोखाधड़ी से होने वाली शादियों की बढ़ती घटनाओं के बीच विधि आयोग ने सिफारिश की है कि एनआरआई, भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों और भारतीय नागरिकों के बीच होने वाली शादी को लेकर एक व्यापक केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए।
जस्टिस रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाले 22वें विधि आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि एनआरआई व ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) और भारतीय नागरिक के बीच होने वाली शादी अनिवार्य तौर पर रजिस्टर्ड कराया जाए। लॉ कमीशन ने अपनी 287 वीं रिपोर्ट में रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरिज ऑफ नॉन रेजिडेंट्स इंडियन बिल में बदलाव की सिफारिश की है।
विधि आयोग ने कहा है कि शादी के 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया जाए जिससे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी के मामले को फैमिली लॉ के दायरे में लाकर लीगल एक्शन लिया जा सके। आयोग का कहना है कि इस व्यापक केंद्रीय कानून में तलाक, पति या पत्नी का भरण-पोषण, बच्चों की कस्टडी और रखरखाव, एनआरआई/ओसीआई पर समन, वारंट या न्यायिक दस्तावेज भेजने आदि के प्रावधान भी शामिल होने चाहिए।
कमेटी ने सुझाव दिया कि एनआरआई/ओसीआई और भारतीय नागरिकों के बीच होने वाले सभी विवाहों को भारत में अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड कराया जाना चाहिए। आयोग ने पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में वैवाहिक स्थिति की घोषणा, पति या पत्नी के पासपोर्ट को दूसरे के साथ जोड़ने और दोनों पति-पत्नी के पासपोर्ट पर विवाह पंजीकरण संख्या का उल्लेख करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम में आवश्यक संशोधन का सुझाव दिया है।
इसके अलावा, सरकार को राष्ट्रीय महिला आयोग और भारत में राज्य महिला आयोगों और विदेशों में गैर सरकारी संगठनों और भारतीय संघों के साथ मिलकर उन महिलाओं और उनके परिवारों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए जो एनआरआई/ओसीआई के साथ वैवाहिक संबंध में बंधने वाली हैं। इसके अलावा यह भी सिफारिश में कहा गया है कि एनआरआई बिल में बदलाव से पासपोर्ट के सस्पेंशन और ट्रेवल दस्तावेज सस्पेंड किए जा सकेंगे।
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