सिलिकॉन वैली स्थित सिस्को सिस्टम्स (Cisco Systems) कंपनी के खिलाफ एक 'दलित' कर्मचारी ने जातिगत भेदभाव को लेकर एक मुकदमा दायर किया था। अमेरिका की एक अदालत ने इस मामले में अपने एक अहम फैसले में कैलिफोर्निया सिविल राइट्स डिपार्टमेंट (CRD) पर जुर्माना लगाया है। फैसले में सिस्को सिस्टम्स पर $2000 का दंड लगाया गया है। हालांकि यह दंड मामूली हो सकता है, लेकिन फैसला सिलिकॉन वैली कॉरपोशन और हिंदू अमेरिकी नागरिक अधिकारों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत का प्रतीक है।
यह मुकदमा, जिसमें भारतीय-अमेरिकी प्रबंधकों सुंदर अय्यर और रामना कोम्पेल्ला को व्यापक जांच और आलोचना का सामना करना पड़ा। आखिरकार एक फैसले के साथ संपन्न हुआ जिसने सीआरडी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
सीआरडी को पहले 'फेयर एम्प्लॉयमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट' कहा जाता था। एक सूचना देने वाले ने एक वेबसाइट पर यह साबित किया कि सीआरडी ने गलत तरीके से सबूत बनाए और केस में गलतियां कीं। कास्टफाइल्स (CasteFiles) एक ऐसा मंच है जो मीडिया में फैलाई जाने वाली जाति और नस्ल संबंधी फर्जी नैरेटिव को चुनौती देता है। उन्होंने यह जानकारी अपने प्रेस बयान में दी।
CasteFiles की संस्थापक रिचा गौतम ने इस फैसले के व्यापक निहितार्थों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे सिस्को मामले का उपयोग पूरे समुदाय को बदनाम करने के लिए किया गया था। मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक अदालत द्वारा Equality Labs की रिपोर्ट को सबूत के रूप में अस्वीकार करना था। यह रिपोर्ट सीआरडी के तर्कों के केंद्र में थी। इसे अवैज्ञानिक और अविश्वसनीय माना गया था।
मई 2024 का फैसला सीआरडी के अधिकारों का उल्लंघन करने की ओर इशारा करता है। यह फैसला सिलिकॉन वैली में चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक परिदृश्य को देखते हुए विशेष महत्व रखता है, जहां रॉयट गेम्स और टेस्ला जैसी कंपनियों को भेदभाव के आरोपों के कारण महत्वपूर्ण वित्तीय दंड का सामना करना पड़ा है। सीआरडी, अक्सर समझौता करने की अपनी नीति और मध्यस्थता में शामिल होने की अनिच्छा के लिए आलोचना का शिकार होती रही है।
CasteFiles ने अपने बयान में कहा कि अप्रैल 2023 में अय्यर और कोम्पेल्ला के खिलाफ आरोप हटा दिए गए थे। सिलिकॉन वैली में भारतीय अमेरिकी समुदाय द्वारा इस फैसले का जश्न मनाया गया था। हालांकि, इसके बावजूद सीआरडी ने सिस्को सिस्टम्स के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में दृढ़ता दिखाई। लेकिन सीआरडी के खिलाफ बाद में प्रतिबंधों के लिए प्रस्ताव, जिसके कारण मई 2024 में $2000 का दंड लगा, ने एजेंसी के गलत कदमों को रेखांकित किया है।
CasteFiles का कहना है कि सिस्को के खिलाफ मामला बोलने की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के व्यापक मुद्दों को भी छूता है। सीआरडी को अपनी शिकायत से ऐसी भाषा हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा जो हिंदू धर्म के प्रति पूर्वाग्रही थी। मामले के इस पहलू ने अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को पक्षपाती और निराधार आरोपों से बचाने के महत्व पर प्रकाश डाला है।
सिस्को जातिगत भेदभाव मामले में सीआरडी के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला सिलिकॉन वैली की कंपनियों और हिंदू अमेरिकी नागरिक अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है। यह कानूनी कार्यवाही में निष्पक्ष और सटीक प्रतिनिधित्व के महत्व को रेखांकित करता है और अभियोजन अधिकारों के दुरुपयोग के खतरों को उजागर करता है। यह मामला सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता का प्रतीक है कि न्याय सत्य और अखंडता पर आधारित हो।
CasteFiles के अभिजीत बागल ने मामले में कई विसंगतियों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने बताया कि कैसे अय्यर और कोम्पेल्ला के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली जाति की कहानी भ्रामक थी और सीआरडी की निष्पक्ष सुनवाई प्रदान करने में विफलता को रेखांकित किया। इस गलत बयानी के व्यापक सामाजिक परिणाम थे, जिसमें हिंदू अमेरिकियों को स्कूलों से लेकर कार्यस्थलों तक विभिन्न सेटिंग्स में बढ़ती शत्रुता और भेदभाव का सामना करना पड़ा।
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