अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की दावेदार निकी हेली की अमेरिकी नागरिकता और उनकी पैदाइश पर सवाल उठाए थे। इसे लेकर इलिनोइस स्टेट के प्रतिनिधि और डेमोक्रेट राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि ट्रंप के इस आपत्तिजनक बयान पर करारा जवाब देना चाहिए, लेकिन हेली इसमें नाकाम रहीं।
शिकागो ट्रिब्यून में प्रकाशित एक लेख में राजा कृष्णमूर्ति ने हेली पर इस बात को लेकर निशाना साधा है। कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह हेली की जिम्मेदारी थी, जिसे वह पूरा नहीं कर पाईं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को करारा जवाब नहीं दिया, जिन्होंने उनके खिलाफ खुलेआम नस्लीय टिप्पणी की थी।
कृष्णमूर्ति ने कहा कि एक भारतीय अमेरिकी होने के नाते निकी हेली पर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए नस्लवादी हमले मेरे लिए निजी हैं। ऐसे में हेली की जिम्मेदारी थी कि वह ट्रंप सही समय में जवाब देतीं। बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने 'ट्रिकी निक्की' और 'बर्डब्रेन' जैसे उपनामों के अलावा निकी हेली को 'निम्ब्रा' और 'निम्राडा' नामों का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ाया था।
इससे पहले एक पोस्ट में कृष्णमूर्ति ने एक लेख का एक स्क्रीनशॉट साझा किया था और कहा था कि यह एक मिथक है जिसे कई बार कई रिपोर्टों में भंडाफोड़ किया गया है कि हेली राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य हैं, क्योंकि उनके माता-पिता दक्षिण कैरोलिना के बामबर्ग में हेली के जन्म के दौरान अमेरिकी नागरिक नहीं थे।
कृष्णमूर्ति ने कहा कि राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए हेली की अयोग्यता के बारे में ट्रंप के झूठे दावे लाखों देशभक्त अमेरिकियों को 'बहिष्कार और गैर' होने का संदेश देते हैं। रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की नामांकन दौड़ में वर्तमान में केवल दो दावेदार हैं, जिनमें से ट्रंप के अलावा हेली है। हेली यह साबित करने के लिए एक यूनिक स्थिति में है कि पार्टी 'समावेशिता को बढ़ावा देती है और नस्लवाद की निंदा करती है।'
कृष्णमूर्ति ने कहा कि हेली ने ट्रंप के ट्र्रंप के खिलाफ घृणित हमलों की कड़ी निंदा करने का एक मौका गंवा दिया और उनकी 'कमजोर प्रतिक्रिया' 'निराशाजनक' है। ट्रंप अक्सर ट्रुथ सोशल पर हेली और उनके राजनीतिक विरोधियों के बारे में विवादित पोस्ट करते रहते हैं। हालांकि, हेली ने अभी तक नस्लवादी और घृणित टिप्पणियों के खिलाफ अपने पूर्व बॉस को जोरदार शब्दों में मौखिक या लिखित प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कृष्णमूर्ति ने कहा कि हेली अगर वास्तव में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार बनना चाहती हैं तो उन्हें अमेरिकियों को यह दिखाना होगा कि रिपब्लिकन पार्टी के भीतर नस्लवादी विचार स्वीकार्य नहीं हैं। कृष्णमूर्ति 1970 के दशक की शुरुआत में हेली के माता-पिता के देश में आने के कुछ साल बाद 1970 के दशक की शुरुआत में अपने माता-पिता के साथ तीन महीने की उम्र में अमेरिका आए थे।
उन्होंने कहा कि यह अमेरिका है जिसे मेरे माता-पिता ने यह निर्धारित करने में गले लगाया कि उनके भविष्य को कहां आगे बढ़ाया जाए। यह अमेरिका है जिसने हमारे परिवार को अपने सपनों को प्राप्त करने और दूसरों को उनके सपनों को हासिल करने में मदद करने में सक्षम बनाया।
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