भारतीय मूल के कन्नन श्रीनिवासन अमेरिका के वर्जीनिया में स्टेट डेलीगेट बन गए हैं। रिचमंड में वर्जीनिया राज्य प्रतिनिधि के रूप में शपथ लेने वाले वह पहले भारतीय-अमेरिकी आप्रवासी हैं।
कन्नन श्रीनिवासन को स्टेट कैपिटल में आयोजित समारोह में हाउस डेलीगेट्स क्लर्क पॉल नार्डो ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कन्नन ने भगवद् गीता और नालयिरा दिव्य प्रबंधम जैसे पवित्र ग्रंथों के साथ शपथ ली। इस दौरान उनकी जयश्री श्रीनिवासन के अलावा परिवार के कई लोग, दोस्त और शुभचिंतक भी मौजूद थे।
श्रीनिवासन ने शपथ लेते हुए कहा कि मैं पूरी निष्ठा के साथ शपथ लेता हूं कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान और वर्जीनिया राष्ट्रमंडल के संविधान का पालन करूंगा और वर्जीनिया हाउस डेलीगेट के सदस्य के रूप में अपने सभी कर्तव्यों का ईमानदारी, निष्पक्षता और पूरी क्षमता के साथ पालन करूंगा।
अपने संबोधन में श्रीनिवासन ने अपने चयन के लिए सभी को धन्यवाद दिया और याद किया कि पहली बार वह 1994 में एक पर्यटक के रूप में स्टेट कैपिटल आए थे। तब उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि 30 साल बाद वह सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेंगे।
श्रीनिवासन एक अनुभवी वित्त एवं एनालिटिक्स पेशेवर हैं। उन्हें वर्जीनिया के गवर्नर टेरी मैकऑलिफ और राल्फ नॉर्थम द्वारा मेडिकेड बोर्ड में भी नियुक्त किया जा चुका है। वह मेडिकेड बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं। वह जॉर्ज वाशिंगटन हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट और लाउडाउन फ्री क्लिनिक बोर्ड में भी कार्य कर चुके हैं।
श्रीनिवासन ने कहा कि मैं 1992 में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका आया था। मैं अपने माता-पिता एस.टी. श्रीनिवासन और चूड़ामई श्रीनिवासन का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। मैं अपने दादा डॉ.वी. वरदाचारी से बहुत प्रेरित हूं जिन्होंने 1950 के दशक में तमिलनाडु में मयिलादुथुराई टाउनशिप के लिए कामयाब परियोजनाएं लागू कीं।
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