भारत की कन्नड़ लघु फिल्म Sunflowers Were the First Ones to Know ने 2025 के ऑस्कर पुरस्कारों के लिए क्वालिफाई कर लिया है। यह फिल्म भारतीय लोक कथाओं और परंपराओं से प्रेरित है।
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) के छात्र चिदानंद एस नाइक के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म श्रेणी में क्वालिफाई किया है।
इस लघु फिल्म ने इस साल की शुरुआत में कान फिल्म महोत्सव के ला सिनेफ सेलेक्शन में पहला पुरस्कार जीता था। इस कन्नड़ भाषी फिल्म को उसी के बाद वैश्विक स्तर पर पहचान मिली थी। मंत्रालय के मुताबिक, कान्स में ला सिनेफ जूरी ने फिल्म की रोचक कहानी और उत्कृष्ट निर्देशन के लिए सराहना की थी।
भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक, यह फिल्म उस समय बनाई गई थी, जब चिदानंद नाइक एफटीआईआई के छात्र थे। इसमें सूरज ठाकुर (सिनेमैटोग्राफी), मनोज वी (संपादन) और अभिषेक कदम (ध्वनि डिजाइन) आदि की प्रतिभाशाली टीम ने योगदान दिया है।
एक बुजुर्ग महिला पर केंद्रित इस फिल्म की कहानी में मार्मिकता और गंभीरता दोनों है। महिला गांव के मुर्गे को चुरा लेती है, जिससे सूरज की रोशनी बंद हो जाती है। इससे समुदाय में उथल-पुथल मच जाती है। व्यवस्था बनाने के लिए भविष्यवाणी के तहत महिला के परिवार को निर्वासित कर दिया जाता है। उसके बाद मुर्गे को वापस पाने के लिए हताशा भरा मिशन शुरू होता है।
पूरी तरह रात में फिल्माई गई यह फिल्म दर्शकों को भारतीय परिदृश्य में सराबोर कर देती है। उन्हें अनूठी संस्कृति और माहौल से जुड़ने को प्रेरित करती है। नाइक का निर्देशन पारंपरिक कथा को कलात्मकता से जोड़ता है जो इलाके की सुंदरता, लोगों के बीच गहरे संबंधों और उनकी कहानियों पर जोर देते हैं।
'सनफ्लावर वर द फर्स्ट वन्स टू नो' को बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ भारतीय प्रतियोगिता पुरस्कार सहित फेस्टिवल सर्किट में प्रशंसा मिली है। अब यह फिल्म दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है।
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