बीती 6 अगस्त को फिलाडेल्फिया के मैदान में अपने पसंदीदा उम्मीदवार को देखने के लिए करीब 14,000 उत्साहित मतदाता उमड़े थे। अगले दिन विस्कॉन्सिन के ईओ क्लेयर में एक राजनीतिक रैली के लिए हज़ारों लोगों की लाइन लगी थी। आधे मील से भी लंबी।
डोनाल्ड ट्रंप के अभियान कार्यक्रमों में ऐसी प्रभावशाली संख्या आम बात रही है। लेकिन हाल के दिनों में ये शोरगुल वाली, भारी भीड़ उनके लिए नहीं थी। वे लोग अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को देखने आए थे। हैरिस व्हाइट हाउस के लिए ट्रम्प की प्रतिद्वंद्वी हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी की ध्वजवाहक की स्थिति में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
ऑटोमेकर स्टेलेंटिस में काम करने वाली 46 वर्षीय कीना जॉनसन ने 7 अगस्त को मिशिगन के डेट्रायट में एक हवाई अड्डे पर कहा कि हर कोई वास्तव में उत्साहित है। इतनी बड़ी तादाद में लोग हैरिस और उनके नए साथी टिम वाल्ज का इंतजार कर रहे थे। कीना ने कहा कि मुझे लगता है हुजूम का दायरा बढ़ेगा और वह अधिक सकारात्मक होने जा रहा है। यह वास्तव में महिलाओं के लिए एक अच्छी बात है। यह इतिहास बनने जा रहा है।
मिनेसोटा के गवर्नर वाल्ज मिशिगन में समर्थकों की भीड़ देखकर दंग थे। मिनेसोटा एक महत्वपूर्ण चुनावी युद्धक्षेत्र है। हैरिस अभियान के लोगों ने दावा किया कि लोगों की संख्या 15,000 होगी तो वाल्ज ने इसे 'अभियान की सबसे बड़ी रैली' घोषित किया।
किसी डेमोक्रेटिक राजनीतिक समारोह में इतनी बड़ी संख्या में अमेरिकियों का शामिल होना बराक ओबामा के कार्यकाल में अधिक आम बात थी। तब एक करिश्माई युवा अश्वेत उम्मीदवार ने सभी बाधाओं को तोड़कर राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त किया था। उनके बाद यानी करीब 12 साल बाद ट्रम्प की रैलियों में भारी भीड़ जुटी और इसी के दम पर रिपब्लिकन उम्मीदवार ने बाइडेन-हैरिस पर बढ़त बनाई थी। बाइडेन जब तक चुनाव मैदान में रहे ऐसा हुजूम नहीं जोड़ पाए। लेकिन अब दृश्य में बदलाव है।
इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव से तीन महीने से भी कम समय पहले ट्रम्प की वह बढ़त खत्म हो गई है। हैरिस और वाल्ज ने डेमोक्रेटिक पार्टी के आधार में उत्साह का संचार कर दिया है। बाइडेन के चुनाव मैदान से बाहर होने के साथ ही ट्रम्प की नई प्रतिद्वंद्वी हैरिस ने जल्द ही दिखा दिया कि वह रैली के आकार के खेल में तेजतर्रार रिपब्लिकन को चुनौती देने में सक्षम हैं। स्पष्ट रूप से यह बात ट्रम्प को परेशान कर रही है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login