पिछले करीब 10 वर्षों में अपनी पहली पाकिस्तान यात्रा पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इशारों में चीन और पाकिस्तान को आतंकवाद पर आड़े हाथ लिया। वहीं, पाकिस्तान के एक मंत्री ने जयशंकर की यात्रा को आइसब्रेकर करार दिया।
एससीओ समिट में अपने संबोधन में जयशंकर ने तीन बुराइयों का जिक्र करते हुए आपसी विश्वास, दोस्ती और अच्छे पड़ोस की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सीमापार की गतिविधियों को आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद के रूप में देखा जाता है तो इससे व्यापार, ऊर्जा के प्रवाह, संपर्क और लोगों के बीच आदान-प्रदान को प्रोत्साहन मिलने की संभावना नहीं है। जयशंकर ने कहा कि बेहतर रिश्ते के लिए भरोसा जरूरी है। अगर भरोसा नहीं तो कुछ नहीं।
जयशंकर ने पाकिस्तान के अलावा चीन के लिए इशारों में कहा कि एससीओ के सदस्य देशों का सहयोग परस्पर सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। जरूरी है कि सभी देश क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता दें। वास्तविक साझेदारी का निर्माण होना चाहिए, न कि देश एकपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाएं।
वहीं, पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर कहा कि मेरा मानना है कि उनका (जयशंकर का) यहां आना रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने वाला साबित होगा। भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बैठक से जुड़े सवाल पर उनका कहना था कि न तो हमने और न ही उन्होंने द्विपक्षीय बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया था।
अताउल्ला ने कहा कि एससीओ समिट में आए सभी नेताओं का जब स्वागत किया जा रहा था और हाथ मिलाए जा रहे थे, तो मुझे लगता है कि इससे विश्व स्तर पर सकारात्मक संदेश गया है। भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एससीओ नेताओं के डिनर से पहले एक-दूसरे से हाथ मिलाया था।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को अपने संबोधन से एससीओ समिट की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने चीन और रूस के नेतृत्व वाले ब्लॉक से सामूहिक सुरक्षा और एससीओ क्षेत्र में सतत विकास एवं समृद्धि के लिए सहयोग सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को पनपने से रोकने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान सरकार पर दबाव बनाने के लिए आगे आना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का उसके पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवाद के लिए दुरुपयोग न किया जाए।
(इनपुट एएफपी)
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