फेडरेशन ऑफ जैन असोसिएशन इन नॉर्थ अमेरिका (JAINA) अपने 23वें द्विवार्षिक सम्मेलन के आयोजन को लेकर उत्साहित और रोमांचित है। यह सम्मेलन 3 जुलाई से 6 जुलाई 2025 तक शिकागो में होने वाला है। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की सह-मेजबानी JAINA और जैन सोसाइटी ऑफ मेट्रोपॉलिटन शिकागो द्वारा की जाएगी। संस्था के मुताबिक यह सम्मेलन आगंतुकों को एक समृद्ध और आध्यात्मिक रूप से उत्थान अनुभव प्रदान करेगा।
सम्मेलन की घोषणा नव निर्वाचित JAINA कार्यकारी समिति द्वारा किया गया। जिसने आधिकारिक तौर पर 1 जनवरी, 2024 को अध्यक्ष बिंदेश शाह के दूरदर्शी नेतृत्व में पदभार ग्रहण किया। अतुल शाह जो JAINA के पहले VP हैं, उन्हें कन्वेंशन के संयोजक के रूप में नॉमिनेट किया गया है।
1981 में लॉस एंजिल्स में पहला जैन सम्मेलन आयोजित किया गया था। संस्था के समृद्ध इतिहास में निहित विजन को 1983 में न्यूयॉर्क में दूसरे जैन सम्मेलन में चित्रभानु और सुशील कुमार के मार्गदर्शन में मजबूत किया गया था। तब से हर दो साल में JAINA कन्वेंशन दुनिया भर में हजारों लोगों को एक साथ लाया है।
1981 में स्थापित JAINA एक 501 (c) (3) टैक्स-फ्री गैर-लाभकारी संगठन है। संस्था संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में 70 से अधिक जैन केंद्रों और मंदिरों में कार्य करता है। सैकड़ों स्वयंसेवकों की एक समर्पित टीम के साथ JAINA एक परोपकारी, शैक्षिक और सेवा-उन्मुख संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त है। JAINA भारत के बाहर सबसे बड़ा जैन संगठन है, जो उत्तरी अमेरिका में लगभग एक लाख जैनियों का प्रतिनिधित्व करता है।
संस्था के मुताबिक, जैन धर्म न केवल एक धर्म, बल्कि विश्व स्तर पर जैनियों द्वारा अपनाए गए जीवन जीने का एक गहरा तरीका है। भारत की समृद्ध मिट्टी में निहित, इसकी उत्पत्ति कम से कम पांच हजार साल पहले की है। सहस्राब्दियों के दौरान जैनियों ने ध्यान, योग, पशुओं के लिए करुणा, शाकाहार, पर्यावरण नेतृत्व, महिलाओं के अधिकार, सांस्कृतिक सम्मान और क्षमा को गुणों को अपनाया है।
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